चुनाव आयोग से विलय की बारीकियां समझेंगे नीतीश कुमार

Last Updated 20 May 2015 01:30:53 PM IST

राजद-जदयू के विलय में तकनीकी तौर पर क्या-क्या दिक्कतें आएंगी. झंडा और चुनाव का क्या होगा. नीतीश ने इसे समझने के लिए चुनाव आयोग से समय मांगा है.


नीतीश कुमार (फाइल0

बिहार विधानसभा चुनाव का समय तय होने के बाद भी राजद और जदयू के बीच विलय नहीं होने से नीतीश कुमार कुछ परेशान हैं. माहौल बनाने के लिए नीतीश ने चुनाव आयोग से समय मांगा है.

वह जानना चाहते हैं कि दोनों दलों के विलय में तकनीकी तौर पर क्या-क्या दिक्कतें आएंगी. झंडा और चुनाव का क्या होगा.दरअसल सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच रस्साकसी चल रही है.

सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की तरफ से भी संकेत मिले हैं कि पहले बिहार के चुनाव हो जाएं, फिर विलय पर बात करें. वैसे छह दल आपस में विलय पर पुराने जनता परिवार को एक करने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन बाद में एचडी देवगौड़ा ने रुचि नहीं ली.

लालू प्रसाद अपने अधिक से अधिक लोगों को चुनाव लड़ाना चाहते हैं ताकि उनकी शह बनी रहे. उनका इरादा अपने पुत्र और पुत्री को भी आगे बढ़ाना है. उनकी चिंता यह भी है कि एक बार विलय हो गया तो उनके परिवार का भविष्य क्या होगा.

उन्होंने नीतीश के साथ बैठक में कहा कि वह स्वयं तो चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर चुप्पी साध गए. लालू की तरफ से कहा गया कि विलय में तकनीकी दिक्कत है, इस पर नीतीश ने चुनाव आयोग से तकनीकी बातें समझने के लिए समय मांगा है.

यदि चुनाव आयोग कह दे कि विलय में कोई दिक्कत नहीं और तो क्या वह लालू को इसके लिए मनाएंगे क्योंकि नीतीश की प्राथमिकता में भाजपा को सत्ता में नहीं आने देना है.

यदि राजद अलग चुनाव लड़ेगा तो दोनों का वोट बंटेगा और फायदा भाजपा को हो जाएगा. मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली में लालू, नीतीश, मुलायम और शरद के बीच बैठक हुई थी.

इसमें लालू ने आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव किया है लेकिन जदयू ने कहा है कि उनके अभी भी विधायकों की संख्या 108 है और राजद के केवल 24 हैं इसलिए वह ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगा और कांग्रेस, सीपीआई और एनसीपी को भी सीटें देगा. लेकिन मुलायम ने कहा कि लालू के सम्मान का ध्यान रखा जाना चाहिए.

राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी कहा है कि राजद को कम से कम से 143 सीटें चाहिए. जदयू सूत्रों का कहना है कि यदि विलय नहीं हुआ तो पार्टी सीटों के तालमेल के विकल्प पर बात करेगी.

पार्टी चाहती है कि बिहार में कांग्रेस और वामदल भी गठबंधन में शामिल हों ताकि वोटों का बंटवारा न हो.



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