बिहार में स्थायी होंगे ठेके पर बहाल कर्मी

Last Updated 22 Apr 2015 06:48:26 AM IST

बिहार में नीतीश सरकार ने सभी प्रकार के कर्मचारियों को स्थायी करने की कवायद शुरू कर दी है.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

बिहार में नीतीश सरकार ने संविदा व मानदेय पर बहाल शिक्षकों, न्यायमित्रों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, टोला सेवकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों व अभियंताओं सहित सभी प्रकार के कर्मचारियों को स्थायी करने की कवायद शुरू कर दी है. राज्य मंत्रिपरिषद की मंगलवार को हुई बैठक में संविदा व मानदेय पर बहाल सभी कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली कमिटी में सभी विभागों के प्रधान सचिव शामिल रहेंगे. यह कमिटी संविदा पर बहाल कर्मियों को स्थायी करने पर अपनी रिपोर्ट देगी और इसी रिपोर्ट के आधार पर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा को स्थायी किया जाएगा. संविदा पर बहाल कर्मचारियों को अगर स्थायी किया जाता है तो लगभग पांच लाख कर्मचारियों की नौकरी स्थायी हो जाएगी.

मंत्रिपरिषद की बैठक में 14 एजेंडों पर सहमति बनी. दलित एवं पिछड़ी जाति के बच्चों की तरह उच्च जाति के गरीब बच्चों को भी प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास करने पर 10 हजार रुपये दिये जाएंगे. अगड़ी जाति के गरीब बच्चों को कक्षा आठ एवं नौ में भी स्कूल ड्रेस व पढ़ाई के लिए पैसे दिये जायेंगे. बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि कॉन्ट्रैक्ट व मानदेय पर नियुक्ति का सिलसिला बंद होना चाहिये.

धरना, प्रदर्शन नहीं होना चाहिये. जरूरत होगी तो सरकार नियमित नियुक्ति करेगी. मुख्यमंत्री ने पीएचईडी विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि स्वच्छता दूत की नियुक्ति न करें. स्वच्छता अभियान की कमान वार्ड सदस्यों को सौंपे. उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों को शौचालय बनाने की जिम्मेवारी मिलने से सरकार बदले में उन्हें प्रोत्साहन राशि देगी. बैठक में विधायकों व विधान पार्षदों तथा पूर्व विधायक व विधान पार्षदों की स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया.

इस कमिटी में स्वास्थ्य मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री भी रहेंगे. जल संसाधन विभाग के अवर अभियंता संवर्ग भर्ती नियमावली की स्वीकृति दी गयी. इसी प्रकार सहकारिता विभाग लिपिक संवर्ग नियमावली की स्वीकृति दी गयी. किशनगंज के कोचाधामन में 30 एकड़ जमीन गृह विभाग को देने की स्वीकृति दी गयी. चिकित्सा पदाधिकारी अरुण कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया.



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