चीनी मिल की जमीन पर कहां बना मॉल बताएं शाह

Last Updated 17 Apr 2015 06:46:47 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चीनी मिल की जमीन पर कहां मॉल बना है. अमित शाह को बताना चाहिये.


दिल्ली से लौटने के बाद बृहस्पतिवार को पटना में मीडिया से बात करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

यदि चीनी मिल की जमीन पर मॉल बना होगा तो इसका चित्र भी होगा, उसे रिलीज करना चाहिये. हम जानना चाहते हैं कि वे बतायें कहां पर चीनी मिल की जमीन पर मॉल बना है.
बृहस्पतिवार को दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दल परिवार के विलय की घोषणा हो चुकी है.

सभी दलों ने निर्णय ले लिया है कि विलय के बाद जो नई पार्टी बन रही है. उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे. सभी दलों के अध्यक्षों को मिलाकर एक समिति बनाई गई है, जो सारी बातों को अंतिम रूप देने के लिए आगे का कार्यक्रम तैयार करेगी. समिति कार्यक्रम, नीति, झंडा, चुनाव चिह्न इत्यादि के लिए भी निर्णय लेगी.

नीतीश ने कहा कि राज्य की 15 चीनी मिल और दो डिस्टेलरी बंद पड़े थे. इनको चालू करने का प्रयास किया गया. 2007 में एसबीआई कैप्स को सलाहकार नियुक्त किया गया. उन्होंने चीनी मिलों की कीमत तथा उनके भविष्य, संभावना इत्यादि का अध्ययन कर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जिसके आधार पर चार बार निविदाएं आमंत्रित की गई और 7 चीनी मिल और एक डिस्टेलरी को पूरी पारदर्शिता के साथ बंदोबस्त किया गया. दो जगहों पर चीनी मिलें चल रही हैं.

भारत सरकार के एक उपक्रम एचपीसीएल ने ये चीनी मिल ली है. मोतीपुर चीनी मिल इंडिया पोटाश लिमिटेड को बंदोबस्त किया गया, मगर इस पर न्यायालय में वाद चल रहे हैं. अन्य जगहों पर 8 चीनी मिल और एक डिस्टेलरी यथावत बंद स्थिति में हैं. इन मिलों को चालू कराने की प्रक्रिया, प्रक्रियाधीन है. राज्य सरकार का गन्ना उद्योग विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है. पारदर्शी विविध प्रक्रिया द्वारा बंदोबस्ती हुई है.

सरकार की निविदा प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 7 चीनी मिलें एवं एक डिस्टेलरी बंदोबस्त हुई है. किसी मंत्री या उनके रिश्तेदार को चीनी मिल की जमीन नहीं दी गई है और न ही कोई मॉल बना है. अमित शाह जी को तथ्य की जानकारी नहीं है या गलतबयानी कर रहे हैं. इसके अलावा कोई बात करना चाहते हों तो बतायें. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जनता परिवार के अध्यक्ष हो गये हैं. सब मिलकर आपस में सब चीजों के बारे में निर्णय लेंगे.

औपचारिकताओं को मूर्त रूप देने का निर्णय समिति लेगी. भाजपा द्वारा यह कहे जाने की विलय में पेच अभी भी फंसा हुआ है, पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अन्दर से परेशान है. जिस चीज का वे मजाक उड़ा रहे हैं. वह उनके लिए विनाशकारी होने वाला है. वह चुटकी नहीं ले रहे हैं बल्कि उनके अन्तरमन में जो भय का भाव है, उसे वे प्रकट कर रहे हैं. पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि विलय का क्या प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ेगा,

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जैसे काम कर रही है वह करती रहेगी. मुस्तैदी से विकास और सुशासन के एजेंडे पर काम करते रहेंगे.  उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार को राजद, कांग्रेस, सीपीआई और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.



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