अदालत ने ललन, राबडी के सुलहनामा को स्वीकार किया
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के अपशब्द प्रयोग मामले में दायर दोनों पक्षों के सुलहनामे को आज पटना की अदालत ने स्वीकार करते हुए इस मामले को बंद कर दिया.
अदालत ने ललन, राबडी के सुलहनामा को स्वीकार किया (फाइल फोटो) |
ललन और राबडी की ओर से उनके वकील क्र मश: विजय शंकर दूबे और सिराजुल हक द्वारा गत 12 जनवरी को दायर सुलहनामे पर गत दो मार्च को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी जावेद अहमद ने इस मामले में ललन और राबडी को स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया था.
बिहार के पथ निर्माण मंत्री ललन के गत 17 मार्च को दंडाधिकारी जावेद के समक्ष उपस्थित होकर राबडी से उन्हें कोई शिकायत नहीं होने तथा उनके बीच सुलह हो जाने के बारे में बताए जाने पर दंडाधिकारी ने इस मामले में फैसला सुनाने की तारीख 23 मार्च निर्धारित की थी.
परिवादी ललन सिंह ने 13 अप्रैल 2009 को बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता राबडी देवी पर 5 अप्रैल 2009 को सारण जिला के गढवा में एक चुनावी सभा के दौरान उनके द्वारा बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वयं के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए राबडी के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया था.
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