VIDEO : बिहार में मैट्रिक परीक्षा में नकल करते 500 परीक्षार्थी निष्कासित

Last Updated 20 Mar 2015 02:46:20 PM IST

बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में नकल करते पकडे गए 500 से अधिक परीक्षाथियों को निष्कासित किया गया.


नकल की जिम्मेदारी से बिहार सरकार ने झाड़ा पल्ला (वीडियो)

शिक्षा मंत्री पीके शाही ने दलील दी है कि अभिभावकों के सहयोग के बिना शत प्रतिशत कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन करा पाना सरकार के लिए संभव नहीं है.

गत 17 मार्च से जारी इस मैट्रिक परीक्षा में स्कूल भवन की दीवारों पर चढकर परीक्षार्थियों के अभिभावक, रिश्तेदार और सहयोगियों को अपने-अपने उम्मीदवारों को नकल कराते समाचार पत्रों में फोटो प्रकाशित और समाचार चैनलों में दिखाया गया है.
 
शाही से मैट्रिक परीक्षा में नकल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जिलों से जो रिपोर्ट प्राप्त हुए हैं उसके अनुसार कई स्थानों पर विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में मैट्रिक की परीक्षा में नकल किए जाने की शिकायतें मिली हैं.
 
उन्होंने कहा कि यूं तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और जिला प्रशासन ने नकल मुक्त परीक्षा आयोजन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं लेकिन इस बात से वे इंकार नहीं करेंगे कि कई स्थानों पर नकल की शिकायते देखने को मिल रही हैं.
 
शाही ने कहा कि नकल मुक्त परीक्षा के लिए उनकी ओर से पूर्व में एक अपील प्रकाशित की गयी थी जिसमें अनुरोध किया गया था कि इसमें राज्य के सभी नागरिक विशेष तौर पर परीक्षार्थियों के अभिभावक सहयोग प्रदान करें.
 
यह पूछे जाने पर आप मानते है कि सरकार इस परीक्षा के आयोजन में विफल रही है, बिहार के शिक्षा मंत्री शाही ने पलटकर पूछा कि क्या परीक्षार्थियों के अभिभावकों, रिश्तेदारों और उनके सहयोगियों की जिम्मेदारी नहीं है.
    
उन्होंने कहा कि ऐसा केवल बिहार में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी आयोजित होने वाली परीक्षाओं में इस प्रकार की शिकायतें मिलती हैं और उसके निराकरण के लिए प्रयास किए जाते हैं.
 
यह पूछे जाने पर पूर्व में अदालत के निर्देश पर प्रदेश में कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन किया गया था और क्या यह अब संभव नहीं है प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता के पद पर आसीन रहे शाही ने कहा कि उस परीक्षा में पटना उच्च न्यायालय की ओर से वह विशेष कार्य अधिकारी तैनात किए गए थे.
 
उन्होंने कहा कि उस परीक्षा में जिला प्रशासन के अतिरिक्त जिला न्यायधीश और विभिन्न न्यायधीशों को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी और एक वर्ष पटना विश्वविद्यालय में परीक्षा आयोजित करायी जा सकी और उतने कठोर कार्रवाई के बाद भी विधि की परीक्षा नहीं आयोजित हो पायी. विधि संकाय के परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी. इसलिए यह कहना कि कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित की गयी बिल्कुल सही नहीं है.
     
मंत्री से यह पूछे जाने पर अगर अभिभावक सहयोग नहीं करें तो कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन सरकार के बूते के बाहर की बात है. मंत्री ने कहा कि बिल्कुल सही. जब तक सहयोग नहीं मिलेगा तब तक बेहतर इंतजाम नहीं कर पाएंगे.
 
शिक्षा मंत्री पीके शाही से यह पूछे जाने पर कि वह कैसा सहयोग चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सहयोग यह चाहते हैं कि एक आदमी को नकल कराने के लिए चार व्यक्ति नहीं जाएं.परीक्षार्थी ही जाएं और परीक्षा दें.
    
उन्होंने कहा कि मैट्रिक परीक्षा को कदाचार मुक्त आयोजित किए जाने के लिए सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं. सरकार ने अपील की है और फिर करेगी. आज भी मैंने मुख्य सचिव, डीजीपी को कहा है. सभी जिलों के जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कहा गया है. इसके बावजूद अभिभावकों के सहयोग की आवश्यकता है.
     
यह पूछे जाने पर कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कैसे भाग सकती है, उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता और सच्चाई है जिसे उन्होंने रखा है. इस बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास तिवारी ने बताया कि इस परीक्षा के दौरान नकल करते गत 17 मार्च को 272 और 18 मार्च को 243 परीक्षार्थी पकडे गए जिन्हें परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया है.
 
उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान चोरी कराते तीन लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा गया है. तिवारी ने बताया कि इस परीक्षा में कुल 14 लाख 26 हजार परीक्षार्थी भाग ले रहे हैं जिनमें सात लाख से अधिक पुरुष और साढे छह लाख महिला परीक्षार्थी शामिल हैं. यह परीक्षा 1217 केंद्रो पर संचालित की जा रही है. 

नकल की जिम्मेदारी से बिहार सरकार ने झाड़ा पल्ला - देखें वीडियो



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