मांझी सरकार के 34 फैसले रद्द

Last Updated 05 Mar 2015 05:56:16 AM IST

बिहार में राज्य मंत्रिपरिषद ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के कार्यकाल में लिये गये 34 फैसलों को रद्द करने के प्रस्ताव पर बुधवार को मुहर लगा दी.


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

मांझी के कार्यकाल के दौरान मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये निर्णयों में 10 फरवरी को एक, 18 फरवरी को 18 और 19 फरवरी को 15 प्रस्ताव पारित किये गये थे जिसे नीतीश मंत्रिमंडल ने रद्द करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.

मांझी मंत्रिमंडल ने विनोद कंठ को महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की थी, लेकिन बुधवार की कैबिनेट ने विनोद कंठ के बदले रामबालक महतो को महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी. बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव वी. प्रधान ने पत्रकारों को बताया कि अति पिछड़े वगरे के लिए राज्य आयोग को वेतन मद में गैर योजना मद से वर्ष 2014-15 के लिए 69 लाख 63 हजार 71 रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके साथ ही मध्याह्न भोजन योजना के तहत वर्ष 2014-15 के लिए केन्द्रांश 7978.35 लाख रुपये की निकासी व व्यय की स्वीकृति दी गयी. उन्होंने बताया कि साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड व नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की वितरण पण्राली के सुदृढ़ीकरण के लिए 12 वीं योजना के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों के लिए खुली निविदा आमंत्रित की जायेगी.

उच्च माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद व विभिन्न नगर निकायों में नियोजित 9004 शिक्षकों के वेतन के लिए 25 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद व विभिन्न नगर निकायों में नियोजित 1451 पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 3,57,45,833 रुपये व्यय की स्वीकृति प्रदान की गयी. माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद व विभिन्न नगर निकायों में नियोजित 19254 माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 33 करोड़ 36 लाख 85 हजार 497 रुपये व्यय किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि पटना उच्च न्यायालय में 10 न्यायाधीशों के पदों के लिए राजपत्रित व अराजपत्रित 135 पदों का सृजन किया गया है.

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के नियंत्रण में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड के उन्नयन व कार्यालय सुव्यवस्थित करने के लिए वर्ष 2014-15 के लिए 50 लाख रुपये का सहायक अनुदान स्वीकृत किया गया है. इसी तरह पेट्रोल व डीजल पर अधिभार की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत की गयी है. इससे राज्य सरकार को तेल कंपनियों से 281 करोड़ रुपये का लाभ होगा. इससे पेट्रोल व डीजल के मूल्य में वृद्धि नहीं होगी. पटना अंचल के पटना-गया रोड के 0.3 एकड़ भूमि में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार का भवन निर्माण होगा.



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