बिहार में राशन में मिलेगी चीनी, किरासन व चायपत्ती

Last Updated 26 Feb 2015 06:16:21 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गरीब परिवारों को राशन दुकानों के जरिए चीनी, चायपत्ती और किरासन तेल की आपूर्ति करायी जाएगी.


खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री व अन्य.

राज्य सरकार ने सूबे में धान के रिकॉर्ड उत्पादन को देखते हुए 2014-15 में तीस लाख मीट्रिक टन धान के खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कार्यों की बुधवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया कि पिछले दो दशक से जनवितरण प्रणाली की दुकानों से चीनी की बिक्री बंद हो गयी थी.

बैठक के दौरान लिये गये निर्णय के अनुसार हर महीने हर गरीब परिवार को दो किलोग्राम चीनी, 2.5 लीटर किरासन तेल वितरित किए जाने का निर्णय लिया गया है. जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले अनाज की ढुलाई करने वाले वाहनों पर निगरानी  के लिए उनमें जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल कारगर तरीके से किया जाएगा. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने बताया कि बैठक के दौरान राशन पाने वालों को चायपत्ती भी वितरित किए जाने का सैद्धांतिक तौर पर निर्णय लिया गया.

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सूबे में 13,703 जनवितरण प्रणाली दुकानों की रिक्तियों को तत्काल भरा जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे रोजगार मिल सके. मानक के अनुसार राज्य में 55567 दुकानें होनी चाहिये जिसके विरुद्ध 41864 दुकानें कार्यरत हैं. राज्य के किसानों को अधिप्राप्ति का अधिक से अधिक लाभ मिले.

राज्य में खेती को बढ़ावा देने के लिए धान की खरीद पर बोनस की व्यवस्था की गयी है. इसका लाभ किसानों को मिलना चाहिये. उन्होंने कहा कि राज्य में धान के रिकॉर्ड उत्पादन को देखते हुए 2014-15 में राज्य सरकार ने तीस लाख मीट्रिक टन धान के खरीद का लक्ष्य तय किया है. धान, चावल अधिप्राप्ति के लिए बिहार राज्य खाद्य निगम, पैक्स, व्यापार मंडलों को राज्य अभिकरण के रूप में नामित किया गया है.

किसानों को उनके उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, इसके लिए एनईएफटी /आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में सीधे भुगतान की व्यवस्था की जाय. मुख्यमंत्री को बताया गया कि धान अधिप्राप्ति के लिए 3.3 लाख किसानों का डाटाबेस पैक्स द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें किसानों की जमीन का खाता, खेसरा के साथ सभी आवश्यक सूचनाएं सुलभ कराकर जिले के बेवसाइट पर लोड कर दी गयी है. इसमें किसानों के मोबाइल फोन नंबर को भी अंकित किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वैसे पैक्स जो किसी कारणवश अधिप्राप्ति करने में सक्षम नहीं हैं, उस पंचायत के किसानों का धान प्रखंड स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के क्रय केन्द्र पर कराये जाने की व्यवस्था की जाय. धान की मिलिंग कराने का कार्य बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा किया जाय. पैक्स से प्राप्त धान बिहार राज्य खाद्य निगम के क्रय केन्द्र/बेस गोदाम से मिल पर तथा मिल से सीएमआर गोदाम पर पहुंचाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य खाद्य निगम की होगी.

उन्होंने कहा कि अधिप्राप्ति कार्य का संचालन करने तथा बिचौलिये सक्रिय न हों इसलिये जिला स्तर पर अनुश्रवण/पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण का कार्य निरंतर रूप से चलाया जाय. मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस कार्यक्रम में बिचौलिये सक्रिय न हों और दूसरे राज्य का धान यहां पर नहीं बिके, इसके लिए 15 उड़नदस्ते का गठन कर दिया गया है. बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत किये जा रहे कायरें की भी समीक्षा मुख्यमंत्री ने की. मुख्यमंत्री को बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बिहार पहला राज्य है, जहां पर लाभान्वितों की सूची ईपीडीएस सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने के लिए एनआईसी दिल्ली को सुलभ करा दिया गया है.

खाद्यान्नों का उठाव व वितरण लगभग 96 प्रतिशत है. 32 लाख लाभान्वितों की सूची तैयार है, जिनके लिए पन्द्रह दिनों के अंदर राशन कार्ड बन जायेगा. मुख्यमंत्री ने कृषि रोडमैप के अन्तर्गत गोदामों के निर्माण की अद्यतन स्थिति जाननी चाही तो उन्हें बताया गया कि कृषि रोडमैप के अन्तर्गत 961 गोदाम बनाने थे जिसके विरुद्ध 708 गोदामों का निर्माण हो चुका है, जिसकी भंडारण क्षमता 5.42 लाख मीट्रिक टन है.

बैठक में सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव योजना एवं विकास डीएस गंगवार, सचिव खाद्य उपभोक्ता संरक्षण हुकुम सिंह मीणा, सचिव उत्पाद एवं निबंधन पंकज कुमार, सचिव ग्रामीण विकास एसएम राजू, प्रबंध निदेशक बिहार राज्य खाद्य निगम विनय कुमार व अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.



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