थोड़ी दूर जाना हो तो चलाएं साइकिल
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यवासियों से पर्यावरण सुरक्षा के लिए छोटे-छोटे कामों के लिए व कम दूरी तय करने के लिए साइकिल चलाने की अपील की है.
साइकिल की सवारी करते बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी. |
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के दूषित होने का परिणाम सबसे अधिक गरीब समाज को भोगना पड़ता है. पर्यावरण ठीक रहेगा तो स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा. गरीबों के साथ पर्यावरण का चोली-दामन का साथ है. मांझी शनिवार को पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा चलाये गये ‘साइकिल चलाओ-पर्यावरण बचाओ’ अभियान के तहत एक समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा चलायी गयी यह अनूठी योजना मात्र बिहार में पहली योजना नहीं है बल्कि पूरे भारत वर्ष की यह अपनी तरह की पहली योजना है.
साइकिल परिचालन से जहां पूरे शरीर का व्यायाम होता है वहीं सड़कों पर ध्वनि एवं वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आती है. पेट्रोल-डीजल की खपत में कमी आती है एवं लोगों की आर्थिक बचत होती है. इसके अलावे सड़क दुर्घटना भी कम होती है. उन्होंने कहा कि साइकिल गरीबों की सवारी है, बुद्धिमानों की सवारी है.
राज्य की सड़कों पर मोटर वाहनों की अधिकता से होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि शारीरिक फिटनेस व आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल परिचालन को बढ़ावा दिया जाये. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रदूषित होने के कारण प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है. बाढ़, सुखाड़ की समस्या बढ़ रही है. कार्बन डाइऑक्साइड का कम से कम उत्सर्जन हो इसके लिए प्रयास करना चाहिये. पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाये, जंगल की कटाई को रोकें.
राज्य में हरियाली के क्षेत्र को बढ़ायें. पर्यावरण की समस्या का हल मात्र सरकार से संभव नहीं है. इसमें हम सबको सहयोग देना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन के कारण पैदल चलने, साइकिल चलाने को लोग हीन भावना से देखते हैं. पैदल चलना व्यायाम व योग के दृष्टि से सबसे बेहतर है. शरीर को दुरुस्त रखने के लिए साइकिल चलाना लाभदायक है. पहले लोग पर्यावरण के बारे में बहुत सोचते थे. यही कारण है कि पीपल के वृक्ष को लोग ब्रह्म के रूप में मानते हैं. पीपल का वृक्ष अत्यधिक आक्सीजन देता है.
पर्यावरण एवं वन मंत्री पीके शाही ने कहा कि सड़क पर बढ़ रहे वाहनों के कारण ही दुर्घटनायें, सड़क जाम हो रही है. उन्होंने साइकिल परिचालन को अपनी दैनिक जरूरत के रूप में शामिल करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए लोगों में जागरूकता लाने की आवश्यकता है. देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व बिहार में है इसलिए पर्यावरण को बचाया रखना हमारी सबसे बड़ा जिम्मेवारी है. इससे पहले मुख्यमंत्री मांझी ने पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा चलाये गये ‘साइकिल चलाओ-पर्यावरण बचाओ’ अभियान के तहत चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया.
अभियान की समाप्ति के बाद पुरस्कार के लिए उपस्थिति कूपन के आधार पर 293 व्यक्तियों को साइकिल, 185 व्यक्तियों को ट्रैक सूट, 26 व्यक्तियों को कॉलर टी शर्ट एवं 35 व्यक्तियों को गोल गला का टी शर्ट पुरस्कार के रूप में भेंट किया तथा प्रशस्ति पत्र दिया गया. समारोह की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही ने की.
पर्यायरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव विवेक सिंह ने कहा कि ‘साइकिल चलाओ पर्यावरण बचाओ अभियान’ 1 सितम्बर 2014 से 31 दिसम्बर 2014 तक चलाया गया. अभियान में शामिल होने के लिए कुल 47 हजार 893 लोग शामिल हुए और साइकिल से उद्यान आये जिनमें 1286 महिलाएं व बच्चे शामिल थे. इस अभियान में शामिल सभी व्यक्तियों को एक-एक ग्रीन कैप दिये गये. 80 दिन या उससे अधिक आने वाले व्यक्तियों को साइकिल दिये जाने का निर्णय लिया गया. धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वन संरक्षण एसके चौधरी ने किया.
समारोह में प्रधान वन संरक्षण डीके शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी यथा धम्रेंद्र सिंह एवं गोपाल सिंह सहित कईं वरीय अधिकारी उपस्थित थे. मालूम हो कि योजना के तहत साइकिल से संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) में टहलने के लिए आने तथा साइकिल स्टैंड में साइकिल रखते हुए, टहलने के बाद वापस अपनी साइकिल से घर जाना था. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइकिल परिचालन के प्रति आकषर्ण पैदा कर सस्ते एवं पर्यावरण के अनुकूल साधन के प्रति प्रोत्साहित करना था.
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