न्याय के साथ विकास प्राथमिकता : सीएम
बिहार सरकार ने सुशासन तथा विकास के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है.
पटना के गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद परेड का निरीक्षण करते मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी. |
‘न्याय के साथ विकास’ राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है, जिसके कार्यान्वयन के लिए सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम बनाये हैं. उन कार्यक्रमों के आधार पर राज्य सरकार की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियां उल्लेखनीय रही है. राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विधि व्यवस्था, कानून का राज, सामाजिक सद्भाव का माहौल अत्यंत आवश्यक है. सरकार के प्रयासों से राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द का वातावरण बना है एवं सभी वर्गों-साम्प्रदायों के बीच पारस्परिक विश्वास, सामंजस्य एवं स्नेह की बदौलत बिहार की एक नई पहचान बनी है.
ये बातें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक गांधी मैदान में झंडोतोलन के बाद संयुक्त टुकड़ी की सलामी लेने के बाद कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य की विधि व्यवस्था सुदृढ़ रखने एवं कानून का राज बनाये रखने की दिशा में पुलिस के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और आवश्यकतानुसार उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं. पुलिस के आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे अपना काम पूरी मुस्तैदी के साथ कर सकें. संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और अपराधों को उनके तार्किक अंत तक पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं.
राज्य की विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अत्याधुनिक संयंत्रों से सुदृढ़ किया गया है जिससे अनुसंधानकर्ताओं को संवेदनशील काण्डों में सटीक साक्ष्य संकलित करने में मदद मिल रही है. पुलिस के लिए आधारभूत संरचना के विकास पर बल दिया जा रहा है. गत वर्ष में पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 209 भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया है एवं 455 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. इस दिशा में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में निरंतर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की मुहिम जारी है. राज्य सरकार ने अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य योजना के आकार में लगातार वृद्धि की है. राज्य का योजना उद्व्यय वर्ष 2013-14 में 34 हजार करोड़ रुपया था जिसे वर्ष 2014-15 में 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक निर्धारित किया गया है. राज्य ने अपने आंतरिक संसाधन में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है.
राज्य का अपना कर राजस्व वर्ष 2013-14 में 19 हजार 9 सौ 60 करोड़ रुपये था. वर्ष 2014-15 में 25 हजार 6 सौ करोड़ रुपये से अधिक राजस्व का अनुमान किया गया है. राज्य सरकार का बजट आकार ने पहली बार वर्ष 2014-15 में एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल पहुंचाने, नये स्कूल खोलने, कक्षाओं की संख्या में वृद्धि करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, नामांकन में वृद्धि लाने एवं लड़के-लड़कियों के बीच शिक्षा की खाई को पाटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक सफल प्रयास किये हैं. राज्य के शत-प्रतिशत बच्चे एवं बच्चियों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में पोशाक, साइकिल एवं छात्रवृत्ति योजनाएं काफी कारगर साबित हुई हैं.
इन योजनाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है. हर पंचायत में एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के नीतिगत फैसले के आलोक में गत वर्ष 1291 उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना कर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया गया. इस वर्ष एक हजार नये उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है. राज्य में उच्च तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा के विस्तार तथा इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अनेक राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय,महाविद्यालय एवं तकनीकी संस्थाओं की स्थापना की है और कई नये संस्थानों की स्थापना पर कार्य चल रहा है. इसी कड़ी में राज्य में आईआईएम की स्थापना के लिए मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अंतर्गत 150 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है.
राज्य के हर प्रमंडल में एक इंजीनियरिंग कॉलेज, जिला में पॉलिटेक्निक और सभी अनुमंडलों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के लक्ष्य के विरुद्ध ठोस प्रयास किये गये हैं. स्वास्थ्य सेवाओं को सभी तक पहुंचाने तथा इनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य प्रणाली में संरचनात्मक एवं गुणात्मक सुधार किए हैं. इस दिशा में गांव तथा शहर के लोगों के प्राथमिक उपचार के लिए प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है. अब सरकार, स्वास्थ्य क्षेत्र में द्वितीय चरण के सुधार पर कार्य कर रही है. चरणवार सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी कार्य दिवसों पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है. गंभीर रोगों से पीड़ित रोगियों को सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा राज्य में ही उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी छह चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपर स्पेशियलिटी विभागों के गठन की स्वीकृति दी गई है.
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने एवं उनके स्वास्थ्य सेवा संबंधी आंकड़ों को संकलित करने के लिए राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक बाह्य कक्ष में मरीजों के निबंधन, दवा वितरण, रेडियोलॉजी-पैथोलॉजी जांच की सुविधा इत्यादि के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रणाली ‘संजीवनी’ का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत अब तक ढाई करोड़ से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया है. राज्य में 7 जनवरी, 2015 से नये ‘पेन्टावैलेन्ट वैक्सीन’ को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत शामिल किया गया है. इस वैक्सीन की तीन खुराक बच्चों को पांच गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगी. राज्य में उत्तम आधारभूत संरचना के विकास के लिए सरकार वचनबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों से जोड़ने एवं लोगों के सुलभ आवागमन के लिए सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण लगातार जारी है. पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत राज्य उच्च पथों एवं वृहत जिला पथों के अनुरक्षण के लिए नीति बनाई गई है इसके आधार पर 9 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के अनुरक्षण की योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिस पर 2 हजार 5 सौ करोड़ से अधिक राशि का व्यय होगा. ग्रामीण क्षेत्रों को संपर्कता प्रदान करने को प्राथमिकता दी जा रही है. इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2 हजार 786 ग्रामीण पथ जिनकी कुल लंबाई 4 हजार 8 सौ 44 किलोमीटर है, के निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
इस पर 4 हजार 70 करोड़ रुपये का व्यय होगा. राज्य के प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से निजी शौचालय बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. हमारा प्रयास है कि प्रत्येक गांव में समुचित स्वच्छता रहे. नये चापाकल गाड़ने और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे है. बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए उत्पादन, संचरण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं पर काम चल रहा है. राज्य की विद्युत संचरण प्रणाली की क्षमता बढ़कर तीन हजार मेगावाट हो गई है तथा अगले वर्ष तक इसे 4 हजार 5 सौ मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है. इस क्रम में राज्य में पहली बार अक्टूबर, 2014 में 2 हजार 8 सौ मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गयी.
सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि कांटी थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 110 मेगावाट की दो यूनिट एवं बाढ़ की 660 मेगावाट की इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गई है. नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है. वर्तमान में जिला मुख्यालयों में औसतन 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु विशेष निदेश दिये हैं. ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सभी विद्युतरहित गॉवों के विद्युतीकरण की योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है और इस पर काम भी प्रारंभ कर दिया गया है. 06 फरवरी से पूरे बिहार में शिविर लगाकर कृषकों को विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कृषि के विकास एवं किसानों की आर्थिक समृद्धि हेतु बहुआयामी द्वितीय कृषि रोड-मैप का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कर रही है.
किसानों को गुणवापूर्ण उपादान उपलब्ध कराना, उन्हें नई तकनीकों में प्रशिक्षित करना एवं प्रत्यक्षण कर उनकी क्षमता का संवर्धन करने की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन इस कृषि रोड मैप के तहत किया जा रहा है. उचित तकनीक एवं प्रबंधन के साथ संसाधनों के उचित इस्तेमाल से अन्न, दलहन, तेलहन, फल, सब्जियां, ईख, जूट, मधु, मशरूम, दूध, मांस, अंडा एवं मछलियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं जिसे हमने ‘इन्द्रधनुषी क्रान्ति’ का नाम दिया है. कृषि कैबिनेट द्वारा कृषि रोड मैप के कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा की जा रही है. राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित कराने के लिए हमने कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है.
गंगा नदी के जल का समुचित उपयोग राज्य के किसानों के हित मे हैं. इसके लिए चुनारगढ़ से लेकर मोकामा टाल तक एक उच्चस्तरीय नहर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है. इसे जल्द ही मूर्तरूप दिया जायेगा. राज्य में ‘हरियाली मिशन‘ के अन्तर्गत कृषि वानिकी योजना, निजी पौधशाला योजना एवं वृक्ष संरक्षण योजनाओं का काम आगे बढ़ा है और इनमें लोगों की सहभागिता बढ़ी है. राज्य सरकार आने वाली पीढ़ी को हरित एवं खुशहाल बिहार देना चाहती है. सरकार के इन प्रयासों और लोगों की भागीदारी के फलस्वरूप राज्य का हरित आवरण, जो लगभग 9 प्रतिशत था, वह बढ़कर अब 12.86 प्रतिशत हो गया है. इसे 15 प्रतिशत पर पहुंचाने का लक्ष्य है.
राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानों को 300 रुपया प्रतिंक्विंटल की दर से बोनस दिया जा रहा है. इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. बिहार राज्य खाद्य निगम के लिए 689 नये गोदामों का निर्माण पूर्ण किया गया है जिससे 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक भंडारण क्षमता की वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 2017 नये गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण कर 4.67 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन किया गया. मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत राज्य के 534 प्रखंडों में, प्रति प्रखंड 5 की दर से, कुल 26 सौ 70 ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कराने की दिशा में हम काम कर रहे हैं.
इन आदर्श ग्रामों में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की सभी विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत आच्छादन योग्य लाभार्थियों के बीच सुनिश्चित किया जायेगा. श्रमिकों के कल्याण हेतु उन्हें कामगार बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. भवन निर्माण, औजार एवं साइकिल क्रय हेतु प्रत्येक पंजीकृत निर्माण कामगारों को 15 हजार रुपये अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महादलित, दलित, अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के विकास हेतु विशेष योजनाओं को तैयार कर उनका प्रभावकारी तरीके से क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षणकिया जा रहा है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय से महाविद्यालय स्तर तक की छात्रवृत्ति योजनाओं से गत वर्ष 37 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है.
बिहार महादलित विकास योजना के अन्तर्गत सव्रेक्षित कुल 2 लाख 46 हजार से अधिक वासरहित परिवारों में से 90 प्रतिशत परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी गई है. बिहार महादलित विकास योजना का अगले 2 वर्षो के लिए अवधि विस्तार कर सव्रेक्षित महादलित परिवार को वास हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए रैयती भूमि का क्रय न्यूनतम प्राक्कलित बाजार मूल्य दर पर करने का निर्णय लिया गया है. इस योजनान्तर्गत अब वास रहित महादलित परिवारों को तीन डिसमील के स्थान पर पांच डिसमील भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
इसी कड़ी में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम से कम दस वर्षो से वास करने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वैसे वास रहित परिवारों, जो शहरी बीपीएल की सूची में शामिल हो तथा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास राज्य या राज्य के बाहर वास भूमि अथवा आवास उपलब्ध न हो, को भी वास भूमि उपलब्ध कराने संबंधी नीति की स्वीकृति दी गई है. अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय की दशम वर्ग में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राओं को 8 हजार रुपये प्रति छात्र/छात्रा की दर से एवं इन्हीं वर्गों के बारहवीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 15 हजार रुपये प्रति छात्रा तथा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 10 हजार रुपये प्रति छात्रा की दर से प्रोत्साहन छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के निर्णय के तहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है.
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन संख्या को 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख किये जाने पर हम काम कर रहे हैं. राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से कमजोर व्यक्तियों तथा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करने के लिए अम्बेदकर फॉउण्डेशन, बिहार की स्थापना की है. राज्य सरकार ने लक्षित जन-वितरण प्रणाली के अन्र्तगत दुकानों की अनुज्ञप्ति आवंटन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है.
जुलाई 2014 के प्रभाव से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी पेंशन योजनाओं में पेंशन की राशि प्रति माह 200 एवं 300 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की है. वर्तमान में कुल 60 लाख 62 हजार लाभार्थी पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं. अल्पसंख्यकों के चहुंमुखी विकास के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रारंभ से अब तक एक लाख से अधिक छात्र/छात्राएं लाभान्वित हुए हैं.
अल्पसंख्यक छात्रावास योजनान्तर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 27 छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु क्रियान्वित ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा ऋण’ योजना अंतर्गत अब तक अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के बीच चार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण एवं ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण’ योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को स्वरोजगार हेतु लगभग 38 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया है. हज यात्रियों की सुविधा के लिए पटना की तर्ज पर गया में भी हज भवन का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द के मद्देनजर कब्रिस्तान घेराबंदी की योजना चलाई जा रही है जिसके तहत अब तक 5 सौ 77 करोड़ रुपये व्यय कर 4 हजार 6 सौ 40 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है.
हाल ही में हमने मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच एकड़ जमीन नि:शुल्क उपलब्ध करायी है. सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण के प्रति भी संवेदनशील है. महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके विरुद्ध होने वाले भेद-भावों को दूर करने के लिए कई उपाय किए गये हैं. सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हुई है.
आरक्षण देकर जहॉं एक ओर पंचायती राज, नगर निकाय एवं सहकारी समितियों में महिलाओं को भागीदारी मिली है वहीं दूसरी ओर शिक्षक एवं पुलिस की नियुक्तियों में आरक्षण प्रदान करने से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं. बिहार सैन्य पुलिस में महिला बटालियन की स्थापना की गई है. बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के नाम से एक अनुसूचित जनजाति महिला सशक्त बटालियन के गठन का निर्णय लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 की मध्यावधि समीक्षा के आलोक में अनेक नये संशोधन, समावेश एवं परिवर्तन की स्वीकृति दी गई है. राज्य में अब तक 272 औद्योगिक इकाइयां उत्पादन में आ चुकी हैं एवं 176 औद्योगिक इकाइयों का स्थापना कार्य अंतिम चरण में है. खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र उद्योग एवं सूचना प्रावैधिकी उद्योग को थ्रस्ट एरिया मानते हुए प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट नीतियां बनाई गई है.
सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था को मूर्त रूप देने का काम चल रहा है. राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने तथा अड़चनों को दूर करने हेतु सरकार ने उद्योग संबंधी मंत्रीपरिषदीय समिति का गठन किया है. श्रमिकों के हितों की रक्षा तथा खुली अर्थव्यवस्था एवं वैिक श्रम बाजारों की बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में ‘दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान’ पटना में स्थापित करने का निर्णय लिया है.
यह संस्थान श्रम एवं नियोजन से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन, शोध एवं मुल्यांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य करेगी. आधुनिक विकास के साथ-साथ सरकार अपनी समृद्ध विरासत को भी संजोने का प्रयास कर रही है. राज्य के धरोहरों को प्रदर्शित करने हेतु पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार संग्रहालय का निर्माण तेजी से चल रहा है. बिहार में धार्मिक धरोहरों को संज्ञान में लेते हुए धार्मिक पर्यटन के कल्पना के तहत बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट का विकास किया जा रहा है.
पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह-ज्ञान भवन, 5 हजार की क्षमता वाला ऑडिटोरियम तथा सभ्यता द्वार का निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है. मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए लोगों से सहयोग की भी अपील की. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत कुल तेरह झांकियों को भी देखा और उनमें दर्शायी गयी कलात्मक एवं शिक्षाप्रद बातों की प्रशंसा की. इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने कारगिल के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कीं.
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