अब भीम बोले, अति पिछड़ा हो सीएम

Last Updated 23 Jan 2015 05:29:15 AM IST

जदयू के आपसी शब्दबाणों के बीच बृहस्पतिवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व उद्योग मंत्री भीम सिंह ने अतिपिछड़े वर्ग से किसी को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत कर ताजा राजनीति को नया मोड़ दे दिया है.


जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व उद्योग मंत्री भीम सिंह (फाइल फोटो)

भीम ने ऐसे समय ‘गदा’ भांजी है, जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दलित वर्ग से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं.

भीम सिंह ने आक्रामक तेवर में कहा कि आखिर प्रदेश में अतिपिछड़ों की बड़ी तादाद है. सरकार के अंदर व बाहर इस अतिपिछड़े वर्ग से सुंदर, सुडौल व योग्य नेता मौजूद हैं तो इस वर्ग से मुख्यमंत्री क्यों नहीं हो सकता.

उन्होंने मुख्यमंत्री से ठेकेदारी व पैक्सों में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने की मांग भी दी. उन्होंने यह भी कहा कि मांझी अच्छा काम कर रहे हैं और वही मुख्यमंत्री बने रहेंगे लेकिन कुछ लोग ‘दूल्हा’ बनने की फिराक में हैं. दूल्हा ही नहीं कई लोग ‘शहबाला’ भी बनने के लिए तैयार हैं. भीम सिंह ने न तो दूल्हे का नाम उजागर किया, और न ही सहबाला का लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनका इशारा सरकार में शामिल एक मंत्री की तरफ था, जिसने कल भोज का आयोजन किया था. इस भोज में सरकार के कई मंत्री शरीक हुए थे.

जानकारी के मुताबिक भीम सिंह को भोज के लिए आमंतण्रनहीं मिला था. चर्चित भोज का नाम लिए बगैर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भीम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कहा कि सरकार के अंदर व पार्टी में कुछ ऐसे नेता हैं, जिनकी गतिविधियों से भाजपा को बल मिल रहा है. ऐसे अमित्रों के कदम से भाजपा सरकार को अस्थिर करना चाहती है.

उन्होंने ऐसे लोगों को अमित्र की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि हमारे मित्र अनजाने में ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे भाजपा की रणनीति को बल मिलता है. उन्होंने सरकार में शामिल मंत्री के भोज का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसे कदमों से मांझी के प्रति जो माहौल खड़ा कर दिया जाता है उससे मुख्यमंत्री के अथॉरिटी पर सीधी चोट पहुंचती है. सरकार भी कमजोर पड़ती है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

उद्योग मंत्री ने कहा कि शरद यादव, नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव बयान दे चुके हैं कि मांझी नहीं हटाए जाएंगे. ऐसे में ‘अमित्रों’ का कदम शरद, नीतीश व लालू विरोधी है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जमकर पक्ष लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने त्याग दिखाते हुए मुख्यमंत्री का पद छोड़ जीतन राम मांझी को ताज पहना दिया. नीतीश चाहते तो वह अपनी बिरादरी से भी मुख्यमंत्री का नाम आगे कर सकते थे.

बहुत लोगों की तमन्ना मुख्यमंत्री बनने की थी. नीतीश कुमार से कोई इस्तीफा भी नहीं मांगा गया था. वह खुद इस्तीफा देने पर अड़े रहे. जब उन्होंने खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी तो वे फिर क्यों मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे. क्या नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए इस्तीफा दिया था? उन्होंने कहा कि नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की हवा देकर नीतीश कुमार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है.

बातचीत के दौरान भीम ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वह ठेकेदारी में दलितों को आरक्षण देने के साथ अतिपिछड़ों को भी आरक्षण देने की व्यवस्था करें. भीम ने पैक्स के एकल पदों पर अतिपिछड़ों को आरक्षण देने की मांग भी मुख्यमंत्री से की. उन्होंने अंत में जोर देकर कहा कि आखिर अगला मुख्यमंत्री अतिपिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं हो?



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