बिहार के भागलपुर में हिंदू से इसाई बने लोगों की घर वापसी
बिहार में भागलपुर में हिंदू से इसाई बनाने की घटना को जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिये हैं.
भागलपुर में हिंदू बने इसाई (फाइल फोटो) |
भागलपुर के जिलाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि धर्मांतरण को लेकर हमने जांच के आदेश दिए हैं. रिपोर्ट आने बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी.
बुद्धुचक थाना अंतर्गत बरोहिया गांव में सोमवार की रात धर्म परिवर्तन करने वाले पांच लोगों वासुदेव मंडल, राधे मंडल, पावो देवी, ललिता देवी, सुनीता देवी में से तीन बुधवार को फिर से पुराने धर्म में लौट आये.
राधे मंडल, ललिता देवी व सुनीता देवी ने दुर्गा स्थान में पूजा कर प्रसाद चढ़ाया. राधे मंडल ने कहा कि पहले का हिंदू धर्म के पूजा का सामान गंगा में फादर ने फेंकवा दिया था. इस मौके पर बनाए गए अस्थाई गिरजाघर में प्रभु ईसा मसीह का जन्म दिन मनाया गया.
वहीं ईसा मसीह का जन्मदिन मनाने भजन, प्रवचन और ईसाई धर्म ग्रहण करने की सूचना मिलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए. घटना की सूचना मिलने पर यहां पहुंची पुलिस ने धर्म परिवर्तन करने वालों से लिखित बयान लिया.
बुधवार सुबह प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अभिषेक कुमार व बुद्धुचक थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार, मुखिया निशिकांत मंडल व पूर्व विधायक अंबिका मंडल धर्म परिवर्तन करने वाले वासुदेव मंडल के घर पर पहुंचे. उससे पूछताछ की गयी. वासुदेव मंडल ने कहा कि मैं हमेशा बीमार रहता था.मेरे मुंह से खून गिरता था.
अनुमंडल अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल और पटना में भी इलाज कराया, लेकिन बीमारी दूर नहीं हुई. इस दौरान एक रिश्तेदार के कहने पर फादर मोकीम के संपर्क में आया. मैने 15 दिसंबर की रात स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया.
पावो देवी ने कहा उसे धर्म परिवर्तन करने से फायदा हुआ है. मेरे सभी पुत्र अलग रहते है. मैं विधवा हूं. न तो वृद्धा पेंशन और न राशन कार्ड मिला है. सभी सरकारी सुविधा से वंचित हूं. राधे मंडल, सुनीता देवी भी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने की बात कही.
पदाधिकारियों के समक्ष ही कुछ लोग वासुदेव मंडल से भिड़ गये. थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को शांत कराया. सभी ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की बात कही.
उधर, आरएसएस के स्थानीय पदाधिकारी राकेश सिन्हा ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि हिंदुओं को पैसे का लालच देकर धर्मांतरण कराया गया है.
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