अल्पसंख्यकों को खतरनाक रूप में पेश कर रही भाजपा : नीतीश
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर \'\'सांप्रदायिक राजनीति\'\' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अल्पसंख्यकों को खतरनाक रूप में पेश कर रही है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो) |
नीतीश कुमार ने कहा कि भगवा दल 15 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी को खतरनाक के रूप में पेश कर भारत की 85 फीसदी आबादी को डराने की कोशिश कर रहा है. बिहार में राजद की साझेदार जदयू के नेता नीतीश ने यह भी कहा कि लालू यादव नीत पार्टी के साथ गठबंधन से बेहतर प्रशासन का उनका सिद्धांत नहीं बदलेगा.
\'एजेंडा आज तक\' में नीतीश ने भाजपा नेताओं के कई विवादास्पद बयानों का और आगरा में कथित जबरन धर्मांतरण विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सार्वजनिक तौर पर विकास के एजेंडा की बात करती है वहीं दूसरी ओर वह समाज को विभाजित करने के आधार पर काम करती है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे (भाजपा) अपनी शक्ति के बारे में बात करते हैं. यह कैसी शक्ति है कि आप 15 फीसदी अल्पसंख्यकों का हौवा खड़ा कर करीब 85 फीसदी लोगों (हिंदुओं) को डराते हैं.
उन्होंने कहा \'\'वह सबका साथ सबका विकास की बात कहते हैं लेकिन समाज को विभाजित करने के आधार पर काम कर रहे हैं.\'\'
नीतीश ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के बीच उसके वर्तमान \'\'चरमपंथी\'\' अवतार में कोई अंतर नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर \'\'उदारवादी\'\' अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान आरएसएस \'\'हाशिये\'\' पर चला गया था. वाजपेयी सरकार में नीतीश कैबिनेट मंत्री थे.
लोकसभा चुनावों में जदयू की करारी हार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके नीतीश ने कहा कि जनता परिवार के बिखरे दलों का प्रस्तावित विलय विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश है. अगर नया दल ठीक से काम करता है तो अन्य राज्यों की पार्टियां भी उसमें शामिल हो सकती हैं.
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