जीतन राम मांझी का एक और विवादित बयान, घोटालों की फाइलें कहां गयी?
मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि यहां फाइल सरकने ही नहीं दी जाती है. जितने भी घोटालों की फाइलें हैं, उन्हें शॉर्ट सर्किट लग जाता है. पता ही नहीं चलता कि फाइलें कहां गयीं.
जीतन राम मांझी (फाइल) |
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के विवादित बयानों पर जदयू नेतृत्व द्वारा उन्हें संयमित भाषा का उपयोग करने की नसीहत के बीच मांझी ने कहा कि वह जो चाहते हैं, वह करते रहेंगे और ‘उन्हें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.
रविवार को बिहार राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति चिकित्सक व ‘मेडिकोस मीट 2014’ को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, ‘जीतन राम मांझी घबराएगा नहीं, टूट जाएगा, फूट जाएगा लेकिन झुकेगा नहीं. यह कह देना चाहते हैं बहुत लोगों को.’
उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी काबिलियत में कमजोर नहीं है, इसलिए उनकी बातों को हम नहीं मानने वाले हैं. हम जो सोच रहे हैं और जो कर रहे हैं वह कहते और करते हैं.
मुख्यमंत्री श्री मांझी ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि मैं किसी की बात माननेवाला नहीं हूं. मैं अपनी बात सीधे दलितों को समझाना चाहता हूं और वे मेरी बात को अच्छे से समझ रहे हैं. ऐसे में मुझे अन्य किसी को समझाने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि मैं जो सोच रहा हूं, वह कहता रहूंगा. पढ़े-लिखे विद्वान लोग ‘मानसिक रूप से नि:शक्त’ समझते हैं. कई तरह की नसीहत देने लगे हैं. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं है. मैं अपनी बात जिस वर्ग को समझाना चाहता हैं, वह समझ रहा है.
इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं चाहिए. सीएम ने दलित युवाओं से अपील की अपनी समस्या लेकर आएं, हम हर हाल में समाधान करेंगे.
प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा कि यहां तो फाइल सरकने ही नहीं दी जाती है. ‘शॉर्ट सर्किट’ लग जाता है, फाइल को. जितने भी घोटालों की फाइल है, उन्हें शॉर्ट सर्किट लग जाता है. पता ही नहीं चलता कि फाइल कहा गयी. इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि हम दलितों की समस्याओं का समाधान तुरंत करेंगे.
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