बिहार में न्यायिक सेवा के नियुक्ति पत्र पर रोक
हाईकोर्ट ने 28वीं बिहार न्यायिक सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के 118 सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र निर्गत करने पर रोक लगा दी.
न्यायिक सेवा के नियुक्ति पत्र पर रोक (फाइल फोटो) |
साथ ही आवेदक को सभी तथ्यों को एक जगह कर इसी केस में अर्जी दायर करने का आदेश दिया.
न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी तथा न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने आशुतोष कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 10 दिसंबर तय की.
आवेदकों की ओर से अधिवक्ता चक्रपाणी ने कोर्ट को बताया कि 118 न्यायिक पदाधिकारी की बहाली के लिए एक विज्ञापन बीपीएससी ने प्रकाशित किया था. गत वर्ष 27 जुलाई को पीटी हुआ था. 1265 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए सफल हुए. पीटी के रिजल्ट में आरक्षण का लाभ दिया गया. आरक्षण देने को लेकर यह अर्जी दायर की गई. बाद में हाईकोर्ट के आदेश से मुख्य परीक्षा ली गई और 369 छात्रों का गत आठ व 18 अक्टूबर तक साक्षात्कार हुआ.
18 अक्टूबर को ही अंतिम रिजल्ट प्रकाशित हुआ, लेकिन गत दिनों न्यायिक सेवा में आरक्षण देने की अधिसूचना को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया.
इसके बाद मुख्य अर्जी में एक संशोधन अर्जी दायर कर अंतिम रिजल्ट देने को रद्द कर नए सिरे से मुख्य परीक्षा कराने की मांग की गई. वहीं एक हस्तक्षेप अर्जी दायर कर कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्य परीक्षा हुई. उनका कहना था कि जब अंतिम रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया तो अर्जी का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
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