मांझी की चेतावनी : सात केंद्रीय मंत्रियों को बिहार में नहीं घुसने देंगे

Last Updated 19 Nov 2014 06:34:24 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केंद्र पर बिहार के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य के सात केंद्रीय मंत्रियों को यहां प्रवेश नहीं करने देंगे.


विश्व शौचालय दिवस पर हैंडपम्प का उद्घाटन करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम माझी.

उन्होंने बुधवार को चेतावनी दी कि नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल प्रदेश के सात मंत्रियों को वे बिहार में प्रवेश नहीं करने देंगे.

विश्व शौचालय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में मांझी ने केंद्र पर बिहार के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल प्रदेश के सात मंत्रियों को चेतावनी दी है कि इस राज्य के लिए अपेक्षा के अनुसार मदद नहीं मिली तो वे (मांझी) उन्हें बिहार में प्रवेश नहीं करने देंगे.

नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार से राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद और रामविलास पासवान कैबिनेट मंत्री और राजीव प्रताप रूडी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उपेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल यादव और गिरीराज सिंह राज्य मंत्री हैं.

मांझी ने इस अवसर पर अपने भाषण में इन सातों मंत्रियों को 'सतभईया' (सात भाई) के रूप में इंगित करते हुए उनसे बिहार के हित की रक्षा करने की अपील की तथा कहा कि अगर वे इसमें विफल रहे तो उन्हें इस प्रदेश में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा.

महादलित समुदाय से आने वाले मांझी ने हंसते हुए कहा 'हम लोग तो बचपन से ही ठोकर खाते आए हैं..ठोकर खाते-खाते मुख्यमंत्री हो गए, इसी ठोकर में प्रधानमंत्री न हो जाएं.'

मांझी पूर्व में कई अवसरों पर इंदिरा आवास योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं में करीब 6000 करोड रूपये की कटौती किए जाने को लेकर केंद्र पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं.

वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज देने के अपने वादे से मुकर जाने का आरोप भी लगा चुके हैं.

मांझी ने बिहार में खुले में शौच पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह वर्ष 2019 तक प्रदेश में दो करोड से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराकर खुले में शौच से राज्य को मुक्ति दिलायेंगे.

उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए पहले 4600 रूपये सहायता राशि के तौर दी जा रही थी जिसे अब बढाकर 12 हजार रूपये कर दिया गया है. इसमें दस हजार रूपये शौचालय के निर्माण के लिए और दो हजार रूपये पानी की व्यवस्था के लिए दिए जाते हैं.

मांझी ने कहा कि बिहार में सभी जनप्रतिनिधि और स्वयं सहायता समूह ‘जीविका’ के सदस्य आज यह संकल्प लें कि वे घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण तो कराएंगे ही, साथ ही कम से कम पांच अन्य घरों में शौचालय के निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे.

उन्होंने केंद्र से प्रदेश में शौचालय के निर्माण में अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वे राज्य की अन्य योजनाओं में कटौती कर शौचालय निर्माण में अपना संसाधन लगाएंगे.

मांझी ने इस अवसर पर बिहार के सात केंद्रीय मंत्रियों से अपील की कि वे राज्य को इसके लिए राशि दिलाने में मदद करें.

समारोह में ग्रामीण कार्य मंत्री नीतीश मिश्र ने कहा कि जब तक हम शौचालय की महत्ता को नहीं समझेंगे तब तक हम सफल नहीं हो पाएंगे.

समारोह को संबोधित करते हुए लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में एक करोड 65 लाख शौचालयों के निर्माण की जरूरत है.

इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पंचायत अधिनियम में संशोधन कर पंचायत चुनाव के अभ्यर्थियों के घर में शौचालय होने को अनिवार्य किए जाने के लिए कार्रवाई की जाएगी.

समारोह को संबोधित करते हुए जीविका की मुख्य कार्यपालन पदाधिकारी एन विजय लक्ष्मी ने बताया कि देश में जहां 15 प्रतिशत आबादी खुले में शौच कर रही है वहीं बिहार में छह करोड लोग खुले में शौच करते हैं जो हमारी कुल आबादी का पचास प्रतिशत से अधिक है.

 



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