मांझी बोले -एससी, एसटी और ओबीसी के गरीब होंगे लाभान्वित

Last Updated 19 Nov 2014 11:05:49 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को विकास मित्रों के सम्मेलन में मूल निवासी का मुद्दा फिर उछाला.


दलित,आदिवासी सगे भाई बाकी दोस्त (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति ही यहां के मूल निवासी हैं और इसी श्रेणी में अति पिछड़े भी आते हैं. 

दलित, आदिवासी और अति पिछड़े सगे भाई हैं. बाकी सारे दोस्त हैं. दोस्तों का भी उत्थान होगा, लेकिन सगे भाइयों की बात कुछ और है. उन्होंने पासवान जाति को गोतिया बताया.

बीपीएल सूची का मामला हो या इंदिरा आवास का मामला या स्कूल में दलितों की छात्रवृत्ति का मामला हो, इन मामलों में हम न डीएम की सुनेंगे न सीओ, बीडीओ और एसडीओ की.इस मामले में हम केवल विकास मित्रों एवं टोला सेवकों की बात सुनेंगे. टोला सेवक एवं विकास मित्र जांचोपरांत जो भी अनुशंसा करेंगे उसे सरकार मानेगी.

ये बातें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को पशु चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में विकास मित्रों के एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीपीएल व एपीएल सूची में बहुत भारी गड़बड़ी है. गाड़ी व खेत मालिक समेत नौकरी करने वालों का नाम बीपीएल सूची में है पर झोपड़ी वालों का नाम बीपीएल में नहीं है. हम बीपीएल को समाप्त करने जा रहे हैं. बीपीएल सूची अब नहीं मानी जाएगी. एससी, एसटी व ओबीसी के सभी गरीबों को इंदिरा आवास दिया जाएगा.

इसमें वैसे दलितों को इंदिरा आवास नहीं देंगे जो आयकरदाता हैं, सरकारी नौकरी करते हैं, कार के मालिक हैं, 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है या पांच कमरों का पक्का मकान है.

मांझी ने कहा कि टोला सेवकों व विकास मित्रों से कोई भी सरकारी काम नहीं लिया जाएगा। इन्हें हम नक्सली नहीं बनने देंगे। इन पर मुकदमा करने से पहले कल्याण विभाग से अनुमति लेनी होगी. सभी विकास मित्रों व टोला सेवकों का मेडिकल कार्ड बनेगा. बिहार के अस्पतालों में इस कार्ड से 50 हजार तक का इलाज मुफ्त में होगा.

एससी, एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लड़के, लड़कियों के लिए 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य नहीं रहेगी. कम हाजिरी रहने पर भी इन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी क्योंकि मास्टर लोग पैसा लेकर हाजिरी बना देते हैं, जो पैसा नहीं देता उसकी हाजिरी नहीं बनाते हैं.

एक नवम्बर से 31 नवम्बर तक मतदाता सर्वेक्षण का काम चल रहा है. इसमें सभी लोग अपना नाम दर्ज करायें. केन्द्र की तरह बिहार में भी बाबा भीम राव अम्बेदकर फाउंडेशन बनायेंगे और दशरथ मांझी शोध संस्थान खोलेंगे. ज्यादा नाम रहेगा तो आपके टोला में बूथ बनेगा। राज्य में जो भी विकास मित्र अच्छा काम करेगा उसे पुरस्कृत करेंगे.

पंचायत में अच्छा काम करने वाले को 25 हजार, जिला में अच्छा काम करने वाले को एक लाख और राज्य में सबसे अच्छा काम करने वाले विकास मित्र को 10 लाख का इनाम दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मैट्रिक, नन मैट्रिक और उसके बाद लड़कियों को विकास मित्र में बहाल किया. इसके बावजूद विकास मित्रों की सीट नहीं भरी। आज भी विकास मित्रों के 500 पद खाली हैं. लोग कहते हैं कि मांझी ने ठेपा मारने वालों को विकास मित्र बना दिया. हमारे ऊपर बदनामी आ रही है कि हमने गलत लोगों को विकास मित्र बना दिया. आप लोग हमें बदनामी से बचाओ और एक साल के अंदर मैट्रिक पास करो.

उन्होंने कहा कि विकास मित्र सरकार व जनता के बीच सेतु का काम करे। अपने समाज के लोगों का नाम सेन्सस में डलवाओगे तो तुम्हारी आबादी 22-24 प्रतिशत हो जाएगा तो उसी अनुसार सरकारी सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा.

उन्होंने कहा कि टोला सेवक व विकास मित्र प्रहरी का काम करें. प्रखंड और पंचायत में गलत काम नहीं होने दें. कोई अगर गलत काम करता है तो वे हमें लिखें, तत्काल कार्रवाई होगी. इलाज के नाम पर लोग गलत पैसा निकाल लेते हैं. इस पर रोक लगायें.

उन्होंने कहा कि विकास मित्र व टोला सेवक पेंशन में भी नाम डलवाने का काम करें, खाद्य सुरक्षा, विद्यालय में नामांकन, मनरेगा में रोजगार, जीविका, पुराने इंदिरा आवास की सूची की भी जांच करें. पुराने इंदिरा आवास वालों को सरकार 30 हजार रुपया देगी.



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