समस्तीपुर में पगार मांगी तो गर्म हंसिये से बच्चे को दागा
समस्तीपुर के मोरवाड़ा गांव में मजदूरी मांगने पर दबंगों ने 11 साल के एक बच्चे को लोहे की गर्म हंसिये से दागा गया.
बाल मजदूर (फाइल) |
बच्चे का नाम गणेश कुमार है. वह गांव के ही राम परीक्षण सिंह के यहां 600 रुपये मासिक पगार पर भैंस चराने का काम करता था. मालिक के पास उसके 10 महीने का पगार बकाया था.
पैसे मांगने पर दबंगों ने गणेश को पकड़कर सबसे पहले उसके दोनों हाथ पैर बांध दिये. इसके बाद उन लोगों ने गैस चूल्हे पर हंसिये को गर्म कर उसे बेरहमी से दागा.
बच्चे की चीख पुकार सुन लोगों के रोंगटे खड़े हो गये लेकिन डर के कारण किसी ने उसे बचाने का प्रयास तक नहीं किया. बच्चे की मां बबली देवी को जब इसकी जानकारी मिली तो वह मौके पर पहुंची और अपने घायल बेटे को वहां से उठाकर इलाज के लिए एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया.
बच्चे को जब थोड़ी राहत मिली तो वह न्याय के लिए थाना पहुंची. पुलिस को दिये आवेदन में बबली देवी ने जिक्र किया कि गांव के ही राम परीक्षण सिंह ने भैंस चराने के लिए 600 रुपये महीने पर उसके बेटे गणेश को अपने यहां रखा.
राम परीक्षण सिंह के यहां दस महीने से मजदूरी बकाया है. दुर्गा पूजा को देखते हुए गणेश ने मलिक से बकाया वेतन की मांग की, जो राम परीक्षण सिंह को नागवार गुजरी.
मजदूरी देने के बजाय राम परीक्षण सिंह, उसके बेटे मोहन सिंह और भतीजे सुभाष सिंह ने मिलकर गणेश के दोनों हाथ-पैर बांध दिये और हंसिये को गर्म कर उसे बेरहमी से दागा.
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