बिना नेट, पीएचडी वाले भी कर सकेंगे आवेदन

Last Updated 19 Sep 2014 12:15:18 PM IST

बिना नेट या पीएचडीधारक भी विश्वविद्यालय शिक्षक के लिए आवेदन कर सकेंगे. बशत्रे उन्हें पोस्टग्रेजुएशन में 55 फीसद अंक से उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा.


पटना विश्व विद्यालय (फाइल)

इतना ही नहीं सरकार ने यह शर्त्त भी रख दी है कि उन्हें दिसम्बर में होने वाले नेट परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा. शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने गुरुवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि बीपीएससी ने विविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति में 20 नवम्बर तक योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा है. 3364 पदों पर नियुक्ति होनी है.

मंत्री ने कहा कि बीपीएससी द्वारा निकाले गये विज्ञापन में नेट उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता से अभ्यर्थियों को राहत दी गयी है. जिन्होंने यूजीसी 2009 के रेगुलेशन के आधार पर पीएचडी किया है.



बिहार में यह रेगुलेशन नवम्बर 2012 में लागू हुआ था. इस रेगुलेशन से पीएचडी करने वाले बिहार में नहीं के बराबर है.

मालूम हो कि इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट में जाने की धमकी दी थी. कोर्ट में जाने के मसले पर नियुक्ति प्रक्रिया बाधित होने की संभावना बढ़ गयी थी जिसे सरकार ने राहत देकर टाल दिया.

फिलहाल सरकार ने शिक्षकों की कमी पाटने के लिए अस्थायी शिक्षकों की मंजूरी दी है. फिलहाल राज्य के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है.

यह नियुक्ति नियमित नियुक्ति होने तक की जायेगी. अंशकालिक शिक्षकों को एक हजार से पच्चीस हजार तक मानदेय दिये जाने की सरकार ने घोषणा की है.

इन अंशकालिक सहायक प्राचार्यों की नियुक्ति कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जा रही है. राज्य में दस परंपरागत विश्वविद्यालय स्थापित हैं.

इन विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में लंबी अवधि से शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है.



 



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