प्रेमी को रिहा नहीं किया तो जेल अधीक्षक हुए तलब
अदालती आदेश के बावजूद विचाराधीन कैदी को रिहा नहीं करने पर पटना उच्च न्यायालय ने बेउर जेल अधीक्षक को तलब किया है.
बेउर जेल (फाइल) |
न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उन्हें 12 अक्टूबर को पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में लड़की के पति विकास कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. घर से भाग जाने के बाद दोनों ने शादी कर ली थी.
लड़की के बालिग होने पर दोनों आये थे. इस बीच लड़की की मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. इसी मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने लड़की को रिमांड होम और लड़के को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
वर्तमान में लड़की के गर्भवती होने पर न्यायालय ने जेल अधीक्षक से लड़के को रिहा करने को कहा था. जिसे नहीं किया गया था.
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