बच्चों को पढ़ाने के लिए छोटे व्यापारियों की कालाबाजारी जायज : मांझी

Last Updated 03 Sep 2014 03:58:03 AM IST

अपने भाषणों के लिए चर्चित मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को एक बार फिर इशारों इशारों में केन्द्र सरकार पर हमला कर दिया.


बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के राज्यस्तरीय सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व अन्य.

उन्होंने व्यवसायियों द्वारा कालाबाजारी किये जाने पर कहा कि कालाबाजारी तो छोटे व्यापारी करते हैं वह भी अपने बच्चों को बढ़िया स्कूल में पढ़ाने के लिए. अगर वे ऐसा करते हैं तो धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि वास्तव में कालाबाजारी तो बड़े व्यापारी करते हैं जो हजारों करोड़ रुपये की कालाबाजारी कर देश को खोखला बना रहे हैं. बिहार सरकार तो आईएएस, आईपीएस जैसे भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के बाद उनके मकान में स्कूल चला रही है. हमलोग पोठिया मछली नहीं बल्कि मगरमच्छ पकड़ते हैं.

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार के सौ दिन पूरे हो गये हैं. अब तो काला धन वापस आना चाहिए. तो लाइये काला धन और देश का विकास कीजिए. हम तो भ्रष्टाचारियों को पकड़ने में लगे ही हुए हैं. उन्होंने व्यापारियों को आस्त किया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया तो बिहार की और तरक्की करेगा लेकिन अब तो विशेष दर्जे के नाम से एलर्जी हो गयी है.

मुख्यमंत्री मांझी मंगलवार को बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज सभागार में बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के तत्वावधान में राज्यस्तरीय सम्मेलन सह राम लखन गुप्ता की 89 वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. करीब 45 मिनट देर से शुरू कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि हम रामलखन बाबू के बारे में नहीं जानते थे लेकिन समारोह में आने के बाद ज्ञानवर्धन हुआ है. समारोह के आयोजक व पूर्व विधान पाषर्द गंगा प्रसाद को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी को नौकरी देना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है.

नियोजन के लिए व्यापार और कृषि ही एकमात्र रास्ता है. व्यापारी वर्ग का जब तक उत्थान नहीं होगा तब तक बिहार का विकास संभव नहीं है. उन्होंने व्यापारियों को सुख चैन से रहने और हीन भावना को छोड़ कर व्यापार करने की सलाह दी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारियों को एक माह का टारगेट दिया गया है. आम आदमी के साथ ही अब व्यापारी की शिकायत भी थानों में सुनी जायेगी. ऐसा नहीं हुआ तो फोन नंबर के प्रिंटआउट के आधार पर कार्रवाई होगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषि कैबिनेट की तरह ही उद्योग कैबिनेट बनायेगी. व्यापारियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसके माध्यम से उद्योग का विकास किया जायेगा. बिहार में 6600 करोड़ रुपये से दो सौ उद्योग स्थापित हो गये हैं. उन्होंने गंगा प्रसाद के नेतृत्व में व्यापारियों के शिष्टमंडल से मिलने का आग्रह किया और कहा कि उनकी मांग पर तत्काल विचार किया जायेगा.

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने भी व्यापारियों द्वारा कालाबाजारी किये जाने की चर्चा करते हुए कहा कि कालाबाजारी करने वाले बड़े व्यापारी तो दिल्ली में हैं. उन पर नियंत्रण करना जरूरी है. उन्होंने नीतीश और मांझी में फर्क नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि जिस तरह पूर्व की सरकार मुस्तैद थी उसी तरह यह सरकार है. केन्द्र की यूपीए सरकार में विदेशी निवेश का विरोध हो रहा था. बिहार सरकार आज भी उस विरोध पर कायम है. उन्हें उम्मीद है कि भाजपा भी विदेशी निवेश का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि विदेश से काला धन कब वापस आयेगा, पता नहीं है लेकिन टैक्स की चोरी नहीं होनी चाहिए.

बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष व पूर्व विधान पाषर्द गंगा प्रसाद ने राज्य सरकार से व्यवसायिक क्षेत्र में पेट्रोलिंग व्यवस्था, भामाशाह की मूर्ति लगाने, व्यवसायियों के लिए एक भवन बनवाने समेत अन्य मांग रखी. इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमार चौरसिया, भाजपा के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, संघ के महामंत्री बलराम प्रसाद, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र व विजय प्रकाश जैन भी उपस्थित थे.



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