बिहार में छह यूनिटें ठप, सूबे में बिजली संकट
पूर्वी क्षेत्र के थर्मल तापघरों में बृहस्पतिवार को बिजली उत्पादन की स्थिति ज्यादा खराब हो गयी जिसके कारण बिहार को मात्र 900 मेगावाट बिजली मिल रही है.
बिहार में छह यूनिटें ठप, सूबे में बिजली संकट |
कोयले की कमी और तकनीकी खराबी के कारण फरक्का की छह में से चार यूनिटें बंद हो गयी हैं जबकि कहलगांव और तालचर की एक-एक यूनिट बंद है.
हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एनटीपीसी से उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध किया है.
मिली जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार की दोपहर में फरक्का की सभी यूनिटें ठप हो गयी थीं जिससे सूबे में बिजली की स्थिति ज्यादा खराब हो गयी थी.
ज्यादातर जिलों में बिजली संकट काफी बढ़ गया था. देर शाम इस थर्मल पावर के दो यूनिटों में उत्पादन शुरू हुआ तो स्थिति में आंशिक तौर पर सुधार हुआ.
फिर भी राजधानी पटना को छोड़कर पूरे प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. यहां के नब्बे फीसद ग्रिड सबस्टेशनों में जमकर लोडशेडिंग की जा रही है.
केन्द्रीय सेक्टर के आवंटन से 1200 मेगावाट कम बिजली मिल रही है. केन्द्रीय सेक्टर से बिहार का आवंटन करीब 2133 मेगावाट है. इसके बदले मात्र नौ सौ मेगावाट बिजली मिल रही है.
यहां की बिजली कंपनी महंगे दर पर छह सौ मेगावाट बिजली खरीद कर सूबे को बिजली कटौती से बचाने का प्रयास कर रही है. फिर भी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में खूब लोडशेडिंग हो रही है.
सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार की शाम को 1600 मेगावाट की क्षमता वाले फरक्का थर्मल में 276 मेगावाट, एक हजार मेगावाट की क्षमता वाले तालचर में 453 मेगावाट कहलगांव स्टेज-1 में 690 मेगावाट एवं स्टेज-2 में 707 मेगावाट उत्पादन हो रहा था.
Tweet |