बिहार के 14 जिले बाढ़ की चपेट में, मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 14 जिलों में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की.
जीतन राम मांझी (फाइल) |
मांझी ने राज्य के 14 जिलों में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इन जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर हालात की जानकारी ली. उन्होंने इन जिलों में प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्य पर चर्चा की. बैठक में राज्य के मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
वहीं बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. राज्य के 14 जिलों की 14 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जबकि 689 गांवों में बाढ़ का पानी कहर बरपा रही है. इस बीच बाढ़ का पानी लगातार नए क्षेत्रों में पसर रहा है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, पटना के बाढ़, बेलछी एवं पंडारक के कई गांवों में बाढ़ का कहर जारी है. दरभंगा जिले के कमला बलान तटबंध पर घनश्यामपुर प्रखंड में तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया है, जिस कारण कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
गोपालगंज में डुमरिया घाट ब्रिज में रामचंद्रपुर के पास सारण तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे सिधवलिया प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि सात जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. खगड़िया में डुमरी का स्टील पाइप ब्रिज मंगलवार को कोसी की तेज धार में बह गया, जिस कारण कोसी क्षेत्र का पटना और भागलपुर समेत राज्य के अन्य क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है.
इधर, आपदा प्रबंधन विभाग ने दावा किया है कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. बाढ़ प्रभावित जिलों में 108 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिनमें 37 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ से राहत एवं बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की चार टीमों को लगाया गया है.
गौरतलब है कि राज्य के 38 जिलों में से खगड़िया, सुपौल, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफपुरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, शेखपुरा, नालंदा और पटना जिलें बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जबकि कुछ जिलों में बाढ़ का आंशिक असर है. इन जिलों के करीब 14 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि हजारों एकड़ में लगी धान की खेती बर्बाद हो गई है.
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