बिहार उपचुनाव में दोनों गठबंधन का मुकाबला, प्रतिष्ठा दांव पर

Last Updated 19 Aug 2014 12:55:38 PM IST

बिहार में होने वाले उपचुनाव में ज्यादातर सीटों पर भाजपा-लोजपा गठबंधन और राजद, जेडीयू और कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है.


नीतीश, लालू और सुशील मोदी

बिहार की 10 विधानसभा सीटों पर 21 अगस्त को होने वाले उपचुनाव में अधिकांश सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड) और कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है.

इस चुनाव के परिणाम को गठबंधन के भविष्य और प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. यही कारण है कि दोनों गठबंधन इस उपचुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.

यह उपचुनाव अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. यह उपचुनाव इसलिए भी खास बन गया है कि एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले बिहार की राजनीति के दो दिग्गज, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार करीब 20 साल बाद एक साथ आ गए और साथ में चुनाव प्रचार भी किया.

राजद और कांग्रेस में कई चुनावों में गठबंधन रहा है, लेकिन इस उपचुनाव में जेडीयू भी इनके साथ शामिल हो गया है. उधर, वामपंथी दल भी पहली बार एक साथ चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं.



भाजपा और राजद, जेडीयू और कांग्रेस गठबंधन का टक्कर

अगर 10 सीटों की स्थिति पर नजर डाली जाए तो दो सीटों को छोड़ सभी सीटों पर भाजपा और राजद, जेडीयू और कांग्रेस गठबंधन की सीधी टक्कर है.

हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में जद (यू) के बागी निर्दलीय देव कुमार चौरसिया ने अपने ही दल के लिए परेशानी बढ़ा दी है, जबकि एक-दो सीटों पर वाम मोर्चा भी पूरी ताकत के साथ परिणाम में उलट-फेर करने की कोशिश में है.

तीन वाम दलों की एकजुटता ने जहां नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं भाजपा ने नौ सीटों पर और उनकी सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने एक सीट पर प्रत्याशी खड़ा किया है. राजद और जेडीयू ने चार-चार पर और कांग्रेस ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

मतदाताओं को रिझाने के लिए सभाएं


भाजपा और राजद गठबंधन चुनावी प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. लालू और नीतीश जहां गठबंधन को लेकर धुआंधार प्रचार कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और कांग्रेस के बिहार प्रभारी सी पी जोशी ने भी मतदाताओं को रिझाने के लिए कई चुनावी सभाएं की हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि बिहार में नीतीश और लालू के गठबंधन को जनता ने नकारने की तैयारी कर ली है.

उधर, जेडीयू और राजद के नेता किसी प्रकार की चुनौती को नकारते हैं. जेडीयू के श्याम रजक कहते हैं कि कहीं कोई चुनौती नहीं है. लोकसभा चुनाव में बिहार के लोग भ्रमित हो गए, लेकिन इस चुनाव में मतदाता इस गठबंधन की ओर आशा भरी निगाह से देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन जनता की मांग थी.


 



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