बिहार में बाढ़ से कई गांव जलमग्न, कमला बलान व गंडक के तटबंध ध्वस्त

Last Updated 17 Aug 2014 05:58:03 AM IST

बिहार में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश की वजह से कमला बलान व गंडक का जलस्तर बढ़ने से इन दोनों नदियों के तटबंध टूटने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.


बाढ़ के पानी से घिरा मधुबनी का एक गांव.

नेपाल समेत सूबे में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश की वजह से कमला बलान (दरभंगा) व गंडक (चंपारण) का जलस्तर बढ़ने से इन दोनों नदियों के तटबंध टूट गये हैं जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. दरभंगा के तीन प्रखंडों और चंपारण के बगहा प्रखंड में बाढ़ का पानी फैल गया है. बाल्मीकिनगर में गंडक बराज द्वारा नदी में शनिवार को तीन लाख 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंपारण तटबंध में करीब सौ मीटर में कटाव होने से करीब 70 नये गांव बाढ़ से घिर गये हैं. राज्य सरकार ने बाढ़ से कमला बलान और गंडक नदी के तटबंध टूटने के लिए दोषी पाते हुए दो सहायक व दो कनीय अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को बाढ़ से उत्पन्न ताजा स्थिति के संबंध में सघन अनुश्रवण किया. मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी और जल संसाधन विभाग के सचिव दीपक कुमार सिंह को प्रदेश में बाढ़ की स्थिति के आकलन लिए हवाई सव्रेक्षण पर भेजा गया है. व्यास जी ने फोन पर बताया कि हवाई सव्रेक्षण के बाद ही बाढ़ की सही और पूरी तस्वीर स्थिति सामने आ पाएगी. इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ से अकेले दरभंगा जिले में करीब 45 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.

अनिरुद्ध ने पंचाने नदी से आयी बाढ़ से नालंदा जिला में स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि सरमेरा, अस्थावां और रहुई प्रखंडों में प्रभावित हुए हजारों लोगों के बीच बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है. राज्य सरकार के मुताबिक नेपाल भू-भाग में लगातार वष्रा के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर उफान पर है. इस वर्ष का अधिकतम जलस्रव कोसी, गंडक, कमला, बागमती एवं मध्य बिहार की लोकायन, सकरी, पंचाने आदि नदियों में हुआ है.

लगातार बारिश से कमला बलान का पश्चिम तटबंध दो जगह तथा बगहा के पास गंडक नदी का दायां तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है. कमला बलान का दायां पश्चिमी तटबंध दरभंगा जिलान्तर्गत घनश्यामपुर प्रखंड के ग्राम कुम्हरौल एवं बौर ग्राम के पास लगभग 30 मीटर व 15 मीटर में क्षतिग्रस्त हुआ है जिससे दरभंगा जिले के तीन प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

उधर गंडक नदी के दायें तट पर चंपारण तटबंध बगहा-1 प्रखंड के अधीन चन्दरपुर बरवा ग्राम के पास 30 मीटर की लम्बाई में क्षतिग्रस्त हुआ है व बाढ़ का पानी कंट्री साइड में फैल रहा है. इस स्थल के एक किलोमीटर के नीचे टेंगराहा नाला होते हुए पुन: बाढ़ का पानी गंडक नदी में प्रवाहित हो रहा है. नालंदा व शेखपुरा जिलों में कुछ स्थानों पर लघु बांध क्षतिग्रस्त हुए हैं. क्षतिग्रस्त तटबंधों को पुनस्र्थापन करने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है.

दरभंगा से मिली जानकारी के अनुसार घनश्यामपुर के कमला बलान में शुक्रवार की शाम बांध टूटने से प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में तबाही मची हुई है. हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. कई लोगों के घर और सामान पानी में बह गये हैं. सूचना मिलते ही प्रभारी डीएम दिनेश कुमार, एसएसपी डॉ. कुमार ऐकले सहित जिले के वरीय पदाधिकारी वहां जाकर कैम्प कर रहे हैं.

इधर बाढ़ का पानी घनश्यामपुर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्रवेश कर गया जिससे दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने स्कूल के ऊपरी तल पर जाकर शरण ली. बाद में एनडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से छात्राओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इधर एनडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों को गांव से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू कर दिया है.

सबसे ज्यादा प्रभावित बुढ़ेब, कुमरौल, हरिपुर, बदिया, लगमा, महतवार, घनश्यामपुर, पाली एवं गनौन गांव हुए हैं. बताया जाता है कि संध्या लगभग पांच बजे कुम्हरौल गांव के निकट तटबंध टूटा. प्रारंभ में यह 10 से 20 फीट में टूटा जो शनिवार को दोपहर बाद 200 से अधिक फीट तक पहुंच गया. वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार की रात बौर में तटबंध टूटा जो धीरे-धीरे 200 फीट से अधिक क्षेत्रफल में फैल गया.

प्रशासन के पास पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचा है. इधर स्थानीय जदयू विधायक डॉ. इजहार अहमद ने सरकार एवं जिला प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराने की मांग की है. वहीं सांसद कीर्ति आजाद सूचना मिलते ही दिल्ली से दरभंगा के लिए रवाना हो गये. वे रविवार को बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करेंगे. रविवार को बाढ़ पीड़ितों के बीच चूड़ा का वितरण जिला प्रशासन द्वारा किया गया.

जिला प्रशासन के अधिकारी से मिली सूचना के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर बाढ़ राहत कैम्प खोले गये हैं. बगहा से प्राप्त समाचार के अनुसार गंडक नदी के जलस्तर में लगातार जारी वृद्धि से चंपारण तटबंध के गदियानी टोला के निकट करीब सौ मीटर की चौड़ाई में कटाव हो गया है. कटाव के कारण गंडक का पानी आसपास के 70 गांवों में प्रवेश कर गया है.

वहीं दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे गंडक नदी के किनारे बने पिपरा पिपरासी तटबंध पर भी कई स्थानों पर स्पर में कटाव हो रहा है. जल संसाधन विभाग के अभियंता युद्धस्तर पर कटाव को रोकने के प्रयास में लगे हैं.

गंडक में उफान के कारण पश्चिम चंपारण के ठकराहा, भीतहा, मधुबनी और पिपरासी प्रखंडों के निचले इलाकों में बसे करीब दो सौ गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस बीच जारी अधिसूचना के मुताबिक चंपारण प्रमंडल, मोतिहारी के सहायक अभियंता अशोक कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इनके स्थान पर अख्तर जमील को तैनात किया गया है. इसी तरह सच्चिदानंद सिन्हा सहायक अभियंता, बाढ़ नियंतण्रप्रमंडल, संख्या दो-झंझारपुर को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

इनके स्थान पर कुमार मनोज गुप्ता को तैनात किया गया है. वहीं चंपारण प्रमंडल, मोतिहारी के कनीय अभियंता प्रभात कुमार रंजन को सरकार ने निलंबित कर दिया है. इनके स्थान पर दीपक कुमार चौधरी को पदस्थापित किया गया है. अशोक कुमार सिंह कनीय अभियंता, बाढ़ नियंतण्रप्रमंडल, संख्या दो-झंझारपुर को भी निलंबित कर दिया गया है. इनके स्थान पर रंजन कुमार देशमुख को तैनात किया गया है.



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