पटना में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त
पटना में बृहस्पतिवार को हुई भारी बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी. भारी वर्षा से शहर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई.
पटना में बृहस्पतिवार को भारी बारिश से सड़क पर जमे कमर भर पानी में रिक्शा खींचता चालक तथा पटना जंक्शन के ट्रैक पर जमा पानी व ट्रेन के इंतजार में प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्री. |
शहर में नालियां जाम होने और सीवर प्रणाली अवरुद्ध होने से अधिकतर मुख्य सड़कें, उप मार्ग और गलियों में घुटने से लेकर कमर तक पानी जमा हो गया. सबसे खराब असर ट्रेनों के परिचालन पर पड़ा.
पटना जंक्शन के ट्रैकों पर पानी भरने के कारण रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम (आरआरआईएस) में खराबी आ गयी और इसने काम करना बंद कर दिया. इस कारण दर्जनों महत्वपूर्ण ट्रेनें सुबह पांच बजे से दोपहर बाद तक जहां तहां घंटों फंसी रहीं. दैनिक यात्रियों के साथ लंबी दूरी के यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. दोपहर के बाद पहली गाड़ी दानापुर मोकामा पैसेंजर को रवाना किया गया. इसके बाद एक-एक कर लंबी गाड़ियों को निकालने का काम शुरू हुआ.
लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, श्रमजीवी, मथुरा कोटा एक्सप्रेस, पटना सिकंदराबाद एक्सप्रेस घंटों देरी से रवाना हुई. वहीं पटना आने वाली संघमित्रा, कुर्ला-पटना, श्रमजीवी, विक्रमशिला, संपूर्ण क्रांति, बीकानेर-पटना, जनसाधारण, तूफान समेत दर्जनों एक्सप्रेस गाड़ियां व पैसेंजर ट्रेनें फंसी रहीं. राजधानी में पिछले चौबीस घंटों में 178 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. राजधानी के अधिसंख्य मुहल्ले कमर भर पानी में डूब गए. कंकड़बाग स्थित मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास में भी पानी घुस गया. यही नहीं पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, सांसद राजीव प्रताप रूडी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का आवासीय इलाका नागेर कॉलोनी में घुटने भर पानी जमा हो गया.
वहीं राज्य सचिवालय और विधानसभा में भारी जलजमाव देखा गया. शहर के कई क्षेत्रों में स्थित घरों में पानी घुस गया है. शहर के लोगों को आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि जलमग्न सड़कों पर वाहन नहीं चले. बाहर निकले कई लोगों को अपनी मोटरसाइकिलों और कारों को ढकेलते और खींचते देखा गया. व्यावसायिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हुईं क्योंकि लोगों को पटना जंक्शन और बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए घुटने तक पानी में घुसकर कर जाना पड़ा.
कई निजी विद्यालयों के प्रबंधन ने भारी वर्षा के चलते अपने विद्यालय बंद करने का निर्णय किया. वहीं कार्यालय और कॉलेजों में उपस्थिति बहुत कम रही. लोगों ने पटना नगर निगम को जलजमाव से निपटने में असफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि शहर की सीवर प्रणाली काम नहीं कर रही है. स्टेशन रोड में एक से डेढ़ फीट पानी जमा होने के कारण यात्रियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी. ट्रेन से उतरने के बाद गंतव्य तक जाने के लिए स्टेशन से टेम्पो मुश्किल से मिला.
शहर की सड़कों पर जलजमाव के कारण वाहनों का काफिला रेंगता नजर आया. पटना सिटी-कंकड़बाग पथ, गुलजारबाग, पीएमसीएच के पास, कंकड़बाग साई मंदिर रोड, फ्रेजर रोड, स्टेशन रोड, बाकरगंज, खजांची रोड समेत कई अन्य इलाकों में जलजमाव के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई. मौसम विभाग के निदेशक आशीष कुमार सेन ने बताया कि अगले दो दिनों तक मॉनसून का क्रॉफ्ट उत्तर बिहार की ओर रहेगा. इस वजह से उत्तर बिहार के कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश हो सकती है. धीरे-धीरे यह नेपाल होते हुए बाहर निकल जाएगा. बहरहाल, राजधानी में अगले पांच-छह दिनों तक रुक-रुक कर मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी.
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