बिहार में मनरेगा के 1.30 करोड़ जॉब कार्डों की होगी जांच

Last Updated 14 Aug 2014 05:51:04 AM IST

बिहार सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) अंतर्गत बने 1,30,64,205 जॉब कार्डों की जांच कराने का निर्णय लिया है.


बिहार में मनरेगा के 1.30 करोड़ जॉब कार्डों की जांच करेगी बिहार सरकार.

पंचायत रोजगार सेवक घर-घर जाकर जॉब कार्ड की जांच करेंगे और सत्यापित करेंगे कि जारी जॉब कार्ड सही है या गलत.

भौतिक सत्यापन के दौरान जॉब कार्डधारी परिवारों से उनके बैंक/पोस्ट ऑफिस का नाम, खाता संख्या, एफएससी कोर्ड, मोबाइल नम्बर की विवरणी, सामाजिक श्रेणी, आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड संख्या, आम आदमी योजना, लघु एवं सीमांत किसान संबंधी विवरण आदि भी लिये जायेंगे. बैंक के केवाईसी को भी सत्यापन का आधार बनाया जायेगा.

सभी जिलाधिकारियों को जॉब कार्ड का सत्यापन कराने के लिए सभी तैयारियां 16 से 31 अगस्त के बीच पूरी कर लेने की हिदायत दी गयी है.

जांच के आधार पर सही जॉब कार्डधारियों को फिर से नया कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे जबकि डुप्लिकेट और उपयोग में नहीं लाये गये कार्ड रद्द कर दिये जायेंगे. जांच पंचायत रोजगार सेवक और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ) की मैजूदगी में पंचायतवार मनरेगा की वेबसाइट पर डाली गयी सूची के आधार पर की जायेगी.

मनरेगा अंतर्गत प्रत्येक वर्ष कार्य करने वाले मजदूरों को फिर से नये जॉब कार्ड दिये जायेंगे जबकि उपयोग में नहीं लाये गये 72.29 लाख जॉब कार्ड रद्द कर दिये जायेंगे.

ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मनरेगा अंतर्गत निर्गत जॉब कार्ड का सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है.  राज्य में 8,63,482 जॉब कार्ड डुप्लिकेट बने हैं जिनके नाम समान पर जॉब कार्ड संख्या भिन्न हैं. इन जॉब कार्ड को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया गया है.

जॉब कार्ड के सत्यापन के लिए जिला स्तर पर एक कोषांग गठित किया जायेगा. इस कोषांग की जिम्मेवारी जिला स्तर पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक को दी गयी है. उनके सहयोग के लिए दो प्रोग्राम पदाधिकारी और तकनीकी सहायक भी तैनात किये जायेंगे.



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