औरंगाबाद पुलिस फायरिंग पर भाजपा का हंगामा
बिहार में राज्य में बढ़ते अपराध और औरंगाबाद में पुलिस फायरिंग के विरोध में भाजपा सदस्यों ने सोमवार को विधानसभा व विधान परिषद में जमकर हंगामा किया.
विधान सभा गेट पर औरंगाबाद पुलिस फायरिंग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते भाजपा विधायक. |
भाजपा सदस्यों के वेल में प्रदर्शन किये जाने के कारण विस की कार्यवाही मात्र 15 मिनट ही चली. इस कारण सदन में प्रश्नकाल से लेकर ध्यानाकर्षण सूचनाएं की कार्यवाही नहीं हो सकीं. वहीं विप में हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही भाजपा सदस्य औरंगाबाद में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत के विरोध में हंगामा करने लगे. देखते ही देखते भाजपा के सभी सदस्य वेल में आ गये और सरकार के खिलाफ नारा लगाने लगे. हंगामा को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन की कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी. दोबारा 12 बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही भाजपा के सदस्य एक बार फिर नारे लगाते हुए वेल में आ गये. भाजपा सदस्य ‘लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी, ‘महिला पर जो गोली चलाये वह सरकार निकम्मी है’, जो सरकार निक्कमी है वह सरकार बदलनी है के नारे लगा रहे थे.
शोरगुल के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने औरंगाबाद पुलिस फायरिंग पर भाजपा के प्रेम कुमार तथा दूसरे मुद्दे पर अन्य सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव को नियमानुकूल नहीं पाते हुए अमान्य कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा के बीच ही शून्यकाल की सूचना पढ़ने के लिए भाजपा के अरुण शंकर प्रसाद का नाम पुकारा, लेकिन हंगामा के कारण वह शून्यकाल की सूचना नहीं पढ़ने आये. इसके बाद वित्त मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने बिहार स्थानीय क्षेत्र में उपयोग, व्यवहार अथवा बिक्री के लिए माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 1993 और बिहार मूल्यवर्धित कर अधिनियम को 22 जनवरी को जारी अधिसूचित की प्रति को सदन पटल पर रखा.
हंगामा के बीच ही भाजपा के प्रेम रंजन पटेल को ध्यानाकर्षण सूचनाएं के लिए पुकारा गया पर वे नहीं आये. शोरगुल कर रहे सदस्यों से विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी सीट पर जाने का कई बार आग्रह किया, लेकिन सदस्य जब नहीं माने तो सदन की कार्यवाही 10 मिनट के बाद ही स्थगित कर दी गयी. इस बीच, नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि जनता को बेवकूफ बना रही है सरकार. आप असल मुद्दा को छोड़कर बात बदल रहे हैं. आपसे कोई उम्मीद नहीं है, जनता उब चुकी है.
उन्होंने विधान सभा में सरकार के जवाब से नाराजगी जताते हुए सदन का बहिष्कार किया. इससे पहले उन्होंने कहा कि बच्चा, महिला एवं महादलित परिवार का लोग मारा जाता है तो क्या यह सरकार के लिए मामूली घटना है. गृह मंत्री इतने गंभीर हैं तो चुपचाप क्यों बैठे हैं. दूसरे लोग क्यों जवाब दे रहे हैं. मंत्री जी जो मारे जा रहे हैं डकैती हो रही है, उस पर बोलिए. बाद में भाजपा के डॉ. प्रेम कुमार ने पत्रकारों को बताया कि औरंगाबाद के मदनपुर में पुलिस फायरिंग में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गयी है.
कई घायल भी हो गये हैं. पुलिस आम लोगों को प्रताड़ित कर रही है और झूठे मुकदमे में फंसा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के बजाये मामले की लिपापोती में लगी है. औरंगाबाद और रोहतास की घटना काफी चिंता की बात है और इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए थी.
वहीं औरंगाबाद पुलिस फायरिंग को ले कर भाजपा के विधान पाषर्द ने सोमवार को जम कर बवाल काटा. सरकार के विरोध में नारे लगाये. महादलित के मारे जाने की दोषी पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग करने लगे. सभापित अवधेश नारायण सिंह के लगातार आग्रह के बाद भी भाजपा विधान पाषर्द नारेबाजी करते रहे. सभापति उनसे प्रश्नकाला के बाद उठाने को कह रहे थे. मगर भाजपा विधान पाषर्द जब नारेबाजी ही करते रहे तो सभापति ने कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.
दरअसल सभापति ने जैसे ही सदन ही कार्यवाही प्रारम्भ करने की बात कही भाजपा के विधान पाषर्द रजनीश कुमार ने औरंगाबाद पुलिस फायरिंग पर कार्यस्थगन की जानकारी देते कहा कि औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय का घेराव कर रहे आमजनों पर पुलिस फायरिंग में कनौदी गांव की कलावती देवी व रामध्यान रिकियासन की मौत हो गई. इस पुलिस फायरिंग में दर्जनों लोग घायल हैं. विगत 15 दिनों में ही पुलिस फायरिंग की दूसरी घटना है. सरकार मूक दर्शक बनी हुई है. इसलिए सदन के अन्य कार्य को स्थगित कर सदन में विचार-विमर्श हो. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे प्रश्नोत्तर काल के बाद उठाने को कहा. लेकिन भाजपा सदस्य पहले तो अपने ही सीट पर खड़े हो कर नारेबाजी करने लगे.
विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सभापति महोदय पुलिस प्रशासन उग्र हो चुका है. औरंगाबाद में हुई फायरिंग में दो महादलित की मौत हो गई है. दूसरी और जदयू की और से विधान पाषर्द संजय कुमार सिंह व डा.रणवीर नंदन ने कहा कि महोदय सदन का बहुमूल्य समय नष्ट किया जा रहा है. डा. नंदन ने कहा कि हद तो यह है महोदय की कार्यसमिति में ये कुछ बोलते हैं और सदन के भीतर कुछ और नौटंकी शुरू कर देते हैं.
भाजपा जदयू विधान पाषर्द के इस आरोप सेऔर भी उत्तेजित हो गये और वेल में आकर लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी का नारा लगाने लगे. वेल के भीतर आने वालों में मंगल पाण्डेय, संजय मयूख, लाल बाबू प्रसाद, किरण घई, सत्येन्द्र नारायण कुशवाहा, दिलीप जायसवाल, नवल किशोर यादव, वैद्यनाथ प्रसाद आदि प्रमुख थे. लगभग तीन मिनट तक जब नारेबाजी होती ही रही तो सभापति महोदय ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन की कार्यवाही जब भोजनावकाश के बाद शुरू हुई तो भाजपा सदस्यों ने एक बार फिर हंगामा करने लगे तथा गोली कांडी की न्यायिक जांच की मांग करने लगे. मृतकों के परिवार को मुआवजे देने की मांग करने लगे. सभापति के बार-बार आग्रह के बावजूद जब भाजपा विधान पाषर्द वेल में आ कर हंगामा करने लगे. विपक्षी सदस्यों को उग्र होते देख सत्ताधारी जदयू के कई सदस्यों ने भी अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर भाजपा पर हमला शुरू कर दिया. जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है. एक भी दलित को विधान परिषद में नहीं भेजा है.
जदयू के रणवीर नंदन ने भाजपा पर जनता के कायरे में बाधा डालने का आरोप लगाया. उप सभापति सलीम परवेज ने भाजपा सदस्यों से बार-बार अपनी सीट पर लौटने का आग्रह किया. इसके बावजूद सदस्य अपनी सीट पर नहीं लौटे. इसके बाद उप सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार के बारह बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए ग्रामीण कार्य, पंचायती राज और खान एवं भूतत्व विभाग के आय व्ययक पर वाद विवाद नहीं हो सका.
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