बिहार : समान विचारधारा, फिर भी आमने-सामने

Last Updated 13 Apr 2014 03:04:49 AM IST

बिहार राज्य के कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां समान विचारधारा की राजनीति करने वाले एक-दूसरे के विरुद्ध खम ठोकते नजर आ रहे हैं.


जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव (फाइल फोटो)

मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है. यहां से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के विरोध में भाजपा के टिकट से विजय कुमार सिंह कुशवाहा लड़ रहे हैं. श्री कुशवाहा जदयू की सरकार में रहीं उद्योग मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा के पति हैं. एक समय में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को मधेपुरा में जीत के समीकरण तलाशने में एक सशक्त सिपहसालार के रूप में काम करते थे. कुशवाहा वोट पर इनकी पकड़ भी अच्छी थी. मधेपुरा से लोकसभा के चुनावी जंग का तीसरा कोण राजद के उम्मीदवार पप्पू यादव हैं. पप्पू यादव भी कभी शरद यादव व लालू यादव के विश्वस्त थे. बीच में कुछ दूरिया बढ़ीं. इस बार फिर राजद में इनकी वापसी हुई.

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी समान विचारधारा की राजनीति के चक्रव्यूह में फंस गई हैं. पाटलिपुत्र से मीसा भारती का मुकावला राजद के ही महासचिव व सांसद रहे रामकृपाल यादव से है. श्री यादव ने अंतिम समय में राजद से नाता तोड़ा और भाजपा की शरण में गये और राजद के विरुद्ध खम ठोकने निकल पड़े. कल तक लालू प्रसाद के सबसे विश्वस्त सलाहकार थे. जदयू से चुनाव लड़ रहे रंजन यादव भी कभी राजद सुप्रीमो के सहयोगी थे.

एक तरह की विचारधारा की राजनीति के आमने-सामने का गवाह मधुबनी लोकसभा क्षेत्र भी बन गया है. यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी का मुकाबला विधान परिषद् में रहे राजद के नेता विपक्ष प्रो. गुलाम गौस से है. श्री गौस ने अंतिम क्षण में राजद से नाता तोड़ा और जदयू के टिकट पर अपनी ही पार्टी के उस अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिनके साथ दशक से ज्यादा राजनीति की थी. इस लोकसभा क्षेत्र का तीसरा कोण भाजपा के उम्मीदवार हुकुमदेव नारायण यादव बने हैं. जाहिर है एक विचारधारा के वोट के विभाजन का फायदा मिलने की संभावना भाजपा के उम्मीदवार को है.

मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के कभी प्रदेश अध्यक्ष रहे व मोतिहारी के सांसद राधामोहन सिंह का मुकाबला अपनी ही पार्टी में कई दशक तक विधायक रहे अवनीश सिंह से है. अवनीश सिंह ने अंतिम मौके पर पार्टी के नेता से बगावत की और जदयू की शरण में चले गये. बाद में पार्टी ने उन्हें जदयू का उम्मीदवार बना डाला. राजद ने यहां से विनोद श्रीवास्तव को उम्मीदवार बनाया है.

दरभंगा में भाजपा के  उम्मीदवार कीर्ति आजाद का मुकाबला भाजपा के विधान परिषद के सदस्य रहे  संजय झा से हैं. हालांकि श्री झा काफी पहले भाजपा के विधान पार्षद थे. यहां का तीसरा कोण राजद के एम. फातमी बने हैं. इन दोनों की लड़ाई के फायदे का इंतजार श्री फातमी को रहेगा. आमने -सामने तो राजद के अबु कैसर व बुलो मंडल भी हो गये हैं. राजद के उम्मीदवार के तौर पर बुलो मंडल चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से जदयू ने राजद छोड़ कर आये अबू कैसर को अपना उम्मीदवार बनाया है.

भाजपा ने यहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को उतारा है. भाजपा में कई वर्षों से साथ-साथ  राजनीति कर रहे दो नेता आज पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में भी एक दूसरे के आमने -सामने हो गये. भाजपा के विधायक संतोष कुशवाहा ने पार्टी से विद्रोह कर अंतिम क्षण में जदयू का दामन थामा और पूर्णिया के सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के खिलाफ खम ठोक डाला. यहां से कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी तीसरे कोण बन कर संघर्ष कर रहे हैं.

चंदन
एसएनबी


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