अपराध शाखा के हत्थे चढ़ा फर्जी आईएएस

Last Updated 16 Jan 2010 05:36:36 PM IST


रायपुर। छत्तीसगढ़ में खुद को वर्ष 2001 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में पेश करने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी 36 वर्षीय अनुराग जायसवाल को अपराध शाखा की टीम ने शुक्रवार रात बिलासपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार जायसवाल अपना कर्ज चुकाने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी बनकर लोगों से पैसे वसूल रहा था। जायसवाल को बिलासपुर के होटल में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के बाद शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया। बिलासपुर अपराध शाखा के एक अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने बताया, "हमने जायसवाल को बिलासपुर में होटल सागर से गिरफ्तार किया। उसने शुक्रवार शाम होटल में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर कहा कि वह छत्तीसगढ़ में बढ़ रही गरीबी को लेकर काफी चिंतित है।" तिवारी ने कहा कि जायसवाल अपने आप को वर्ष 2001 बैच का कर्नाटक कैडर का आईएएस अधिकारी बता रहा था। गौरतलब है कि बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद को जायसवाल के इस दावे पर संदेह हुआ। उन्होंने इंटरनेट पर वर्ष 2001 बैच के आईएएस अधिकारियों की सूची देखी जिसमें जायसवाल का नाम शामिल नहीं था। जायसवाल को आईपीसी की धारा 419 और 170 के तहत गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "जायसवाल ने पुलिस को बताया कि वह अपना कर्ज चुकाने और आलीशान जिंदगी के लिए पिछले एक वर्ष से खुद को आईएएस अधिकारी बता रहा था।" पुलिस अधिकारी ने बताया कि जायसवाल के पास से एक फर्जी आईकार्ड और 200,000 रुपये बरामद किए गए।



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