महाराष्ट्र में ।,135 छात्रों ने झूठी अंकतालिक

Last Updated 03 Feb 2010 01:54:09 PM IST


अमरावती। सीबीआई की एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों के।,000 से भी ज्यादा छात्रों ने झूठी अंकतालिका की बदौलत नौकरी पाई है। सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय में 2007 में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद जारी आदेशों के आधार पर इस बाबत जांच की थी, जिसके बाद यह फर्जी अंकतालिका घोटाला सामने आया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रदेश के बहुत से कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों के मार्फत नौकरी पाई है। याचिका पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 26 दिसंबर, 2009 को सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर उनसे अंकतालिकाओं का सत्यापन करने को कहा था। पुलिस सूत्रों ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सत्यापन से खुलासा हुआ कि छह विश्वविद्यालयों के।,135 छात्रों ने फर्जी दस्तावेजों की बदौलत नौकरी पाई है। ऐसे सबसे ज्यादा 729 मामले पुणे विश्वविद्यालय के, 237 मुंबई विश्वविद्यालय के, 92 नागपुर के राष्ट्रसंत तुकदोजी महाराज विश्वविद्यालय के, 42 कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविघालय के, 18 औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय के और 17 अमरावती के संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय के हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अब उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट जमा करेगी, जहां से वह इन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश मांग सकती है।



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