दुर्लभ पशु ’कराकल’ महाराष्ट्र में देखा गया

Last Updated 21 Jan 2010 01:25:10 PM IST


गोंदिया (महाराष्ट्र)। भारत में लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके ’कराकल’ यानी स्याहगोश नाम के एक पशु को नवेगोनबध राष्ट्रीय उद्यान के आसपास वाले इलाकों में देखा गया है। प्रकृति और पक्षी प्रेमी भीमसेन डोंगरवार ने वन्यजीव अधिकारियों को बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय उद्यान के माधवारी प्वाइंट में 19 जनवरी को ’कैरेकल’ को देखा। इस पशु का वैज्ञानिक नाम ’फेलिस कराकल शेबर’ है। उन्होंने बताया कि 160 सेंटीमीटर से कुछ ही अधिक लंबे इस पशु की पूंछ 23 सेंटीमीटर लंबी होती है। इसका सिर काफी बड़ा होता है और इसके कान वनबिलाव की तरह गुच्छेदार होते हैं। डोंगरवार के मुताबिक कराकल आगे की तरफ नहीं झुककर अपने पांव पर तनकर खड़ा होता है लेकिन इसकी पूरी काया बहुत ज्यादा बड़ी नहीं होती है। इसका वजन भी काफी कम होता है। उन्होंने बताया कि कराकल के शरीर का रंग ऊपर से लालिमा लिए सलेटी रंग का होता है लेकिन नीचे की तरफ आने पर इसका रंग सफेद हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह जानवर अमूमन पंजाब, राजस्थान, उत्तर-प्रदेश और मध्य भारत के सूखे इलाकों में पाया जाता है। भारत के अलावा यह इराक, सऊदी अरब और अफ्रीका में भी पाया जाता है।



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