एयर इंडिया के नुकसान के लिए की मंत्रालय की ख&

Last Updated 24 Jan 2010 02:45:40 PM IST


नयी दिल्ली। एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति के संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर दबाव डालते हुए बोर्ड फॉर रीकंस्ट्रक्शन आफ पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (बीआरपीएसई) सरकारी विमानन कंपनी के तुलन पत्र का दोबारा आकलन किए जाने की मांग करेगा और जरूरत हो तो इसे बीमार घोषित करने को कहेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय बीआरपीएसई के इस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है जिसमें एयर इंडिया का परिचालन करने वाली कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही नेशनल एविएशन कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड (नासिल) के तुलन पत्र की जांच की मांग की गयी थी। बीआरपीएसई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पुनरूद्धार और पुनर्गठन के संबंध में परामर्श देता है। मंत्रालय की प्रतिक्रिया के बावजूद बीआरपीएसई के अध्यक्ष नीतीश सेनगुप्ता ने कहा कि यह मामला बीआरपीएस की बैठक में उठाया जाएगा जो चार फरवरी को होनी है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बीआरपीएसई के नासिल के तुलन पत्र के अध्ययन के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला मंत्रिसमूह के सामने लंबित है। नागरिक उड्डयन सचिव एम माधवन नांबियार ने कहा हमें इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करनी। हम फिलहाल मंत्रिसमूह के साथ राष्ट्रीय विमानन कंपनी के पुनरूद्धार पर काम कर रहे हैं जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की उबारने की योजना मंत्रिसमूह की सिफारिशों के आधार पर लागू किया जा रहा है। नासिल, 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद बनाया गया था और हर साल इसे नुकसान हो रहा है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 5,500 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज किया था और 2007-08 के दौरान कंपनी को 2,226 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। आम तौर पर यदि लगातार दो साल तक कंपनी को नुकसान होता है तो बीआरपीएसई संबद्ध मंत्रालयों की आ॓र से अपने आप केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की जांच करता है।



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