उत्तर प्रदेश में रहस्य बनी बाघ की मौत

Last Updated 09 Jan 2010 08:44:56 PM IST


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई बाघ की मौत का रहस्य अभी भी बना हुआ है। शव परीक्षण रिपोर्ट में भी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में आठ वर्षीय बाघ का शव पांच जनवरी को बरामद किया गया था। राज्य वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पशु चिकित्सकों ने शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों की बाघ के बिजली से मरने की दलीलों को मानने से इंकार कर दिया है। बरेली का भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की शव परीक्षण रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। चिकित्सकीय रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मौत 48 घंटे पहले ही हो चुकी थी। जिससे उसके अंदर के अंग खराब हो चुके थे। वन विभाग के अधिकारियों ने पहले कहा था कि बाघ की मौत बिजली से हुई है क्योंकि उसके शव के पास से बिजली के तार बरामद किए गए थे। उत्तर खेड़ी के प्रभागीय वन अधिकारी केके सिंह ने बताया, "हां यह सही है कि बाघ की मौत बिजली से नहीं हुई है क्योंकि उसके शरीर पर जलने के निशान नहीं मिले हैं।" बाघ की मौत को लेकर हम अभी भी भ्रमित हैं और नहीं जानते की उसकी मौत कैसे हुई है। अब वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संभव है कि उसकी मौत जहर से हुई हो। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि जहर के मामले में त्वचा का रंग बिगड़ने लगता है और बाल गिरने लगते हैं परन्तु ऐसा बाघ के साथ नहीं हुआ।



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