भारतीय युद्धपोतों के लिए खतरा नहीं चीनी मि
Last Updated 10 Feb 2010 04:59:17 PM IST
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नयी दिल्ली। चीन के जहाज निरोधक मिसाइल कार्यक्रम को भारतीय युद्धपोतों के लिए खतरा मानने से इंकार करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा ने कहा कि काफी बड़े क्षेत्र में फैले समुद्र के मध्य में मौजूद पोत का पता लगाना मुश्किल काम होगा।
राष्ट्रीय नौवाहन फाउंडेशन की ओर से विमानवाहक युद्धपोत पर आयोजित सम्मेलन से इतर एडमिरल वर्मा ने कहा कि समुद्र के मध्य में किसी जहाज को निशाना बनाना आसान काम नहीं है या उतना सरल नहीं है जैसा जमीनी युद्ध में होता है।
चीन के जहाज निरोधक बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से उत्पन्न खतरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समुद्र में एक स्थान पर किसी नियत समय पर सैकड़ों और हजारों जहाज हो सकते हैं। इस समय किसी जहाज को निशाना बनाने से पहले उसका पता लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि नौवाहन की निगरानी और लम्बी दूरी की तलाशी कार्य की कुछ बंदिशें है। एडमिरल वर्मा ने कहा कि समुद्र के मध्य में गतिमान लक्ष्य पर पारंपरिक मिसाइल का उपयोग करना जटिल कार्य है।
इससे पहले सेमिनार को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि विमानवाहक पोत काफी महंगे होते है और बड़े आकार के कारण समुद्र में उनके टिके रहने और उसका खर्च वहन करने के बारे में प्रश्न उठाए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जमीन पर स्थिति मिसाइल से विमानवाहक को निशाना बनाए जाने की बात भी करते रहे हैं। हमें समुद्र में गतिमान लक्ष्य को निशाना बनाए जाने के विभिन्न विकल्पों और उनकी कठिनाइयों के बारे में विचार करना पड़ेगा।
एडमिरल वर्मा ने कहा कि समुद्र में गतिमान जहाज को लक्ष्य बनाना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ नौसेना, उपग्रह और वायु निगरानी के लिए काफी कठिन लक्ष्य है।
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