दुस्साहसिक अपराधों का केंद्र बना मुजफ्फरê

Last Updated 30 Jan 2010 09:02:58 AM IST


मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश का जनपद मुजफ्फरनगर अब दुस्साहसिक अपराधों का केन्द्र बिन्दु बनता जा रहा है। बेतहाशा अपराध व अपराधियों की फौज के कारण यह जनपद पुलिस महकमे के लिए हमेशा से ही चुनौती बना रहा है। गुरुवार को भी एक शिक्षक को बदमाशों ने क्लासरूम में घुसकर मौत के घाट उतार दिया था उससे पूर्व एक कालेज छात्रा को सरेआम कालेज परिसर में गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की पहचान विश्व व्यापार पटल पर लोहा उद्योग, कृषि, गुड़ उत्पादन को लेकर है वहीं अब इसकी नकारात्मक छवि अपराध की राजधानी के रूप में बनती जा रही है। इस जिले पर अब अपराध व अपराधियों का खौफ हावी हो गया है। गुरुवार को जनपद के सिसौली क्षेत्र के गढ़ी नौआबाद के स्वामी कल्याणदेव माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक राजबीर सिंह (51) की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह कक्षा छह के बच्चों को पढ़ा रहे थे। इस घटना में बदमाशों का दुस्साहस देखिए कि उन्होंने बच्चों को पढ़ा रहे अध्यापक राजबीर से पहले नमस्ते की और बाद में बातचीत के दौरान तमंचे से उनके सीने में गोली मार दी। इससे तत्काल ही उनकी मौत हो गई। यही नहीं बदमाशों ने उनके मरने के बाद उनकी ही जेब की तलाशी लेकर उससे उनकी बाइक की चाबी निकाली और विद्यालय परिसर में खड़ी उनकी बाइक पर बैठकर आराम से फरार हो गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधी कितने बेखौफ हो गए हैं। पुलिस हालांकि अध्यापक की हत्या को रंजिश मानकर जांच कर रही है। दो माह पूर्व ही नगर के एस.डी. डिग्री कालेज परिसर में बीएससी. होम साइंस की एक छात्रा की एक युवक ने भरे कालेज में गोली मारकर इसलिए मौत के घाट उतार दिया था कि उसने उसके साथ शादी करने से इंकार कर दिया था। इस जिले में औसतन तीन से पांच शव पोस्टमार्टम घर पर पहुंचने का रिकार्ड रहता है। अब तो पड़ोसी जनपद में बदमाश वारदात करके शव को यहां ठिकाने लगाने लगे हैं। समाजशास्त्री हालांकि इस जनपद में अपराधों का कारण जमीनी मामले, जातिगत पंचायतों का दबाव, उनके फैसले, प्रेम सम्बन्ध व युवा पीढ़ी का द्गिभ्रमित होना मानते हैं। समाजशास्त्री डा. संतोष कुमारी का कहना है कि अपराध रोकने व लोगों की मनोवृत्ति बदलने के लिए सरकार को यहां विशेष अध्ययन कराना चाहिए।



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