पचौरी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए:यूएनएफसी

Last Updated 04 Feb 2010 05:43:01 PM IST


नयी दिल्ली। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के कार्यकारी सचिव यवो डे बीयर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के प्रमुख राजेंद्र पचौरी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यहां कहा कि उनके पैनल के निष्कर्ष को कुछ इस तरह पेश किया गया जैसे दुनिया कुछ घंटों में डूबने वाली हो। पचौरी ने वैज्ञानिक समुदाय का बहुत अच्छे से नेतृत्व किया है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह मीडिया के दबाव में इस्तीफा नहीं देंगे। पचौरी के पैनल की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2035 तक हिमालय के ग्लेशियर पिघल जाएंगे। कुछ भारतीय वैज्ञानिकों ने भी पचौरी की जीवनशैली की आलोचना की थी। इस पर डे बीयर का कहना है कि बड़े पेड़ में ज्यादा तेज हवा को झेलने की क्षमता होती है, पचौरी एक बहुत बड़े पेड़ की तरह हैं। यद्यपि, यूएनएफसीसीसी ने आईपीसीसी की गलती मानी है क्योंकि इससे वैज्ञानिकों की विश्वनीयता पर सवाल उठे हैं, लेकिन डे बीयर अन्य मुद्दों पर आलोचना को निराधार मानते हैं। मीडिया द्वारा वैज्ञानिकों पर लगाए जा रहे आरोपों पर डे बीयर ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि किसके इशारे पर वैज्ञानिकों की आचोलना की जा रही है।



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