बिहार : जब 'जुगाड़ तकनीक' से महिला चिकित्सक ने बना ली पीपीई किट

Last Updated 03 Apr 2020 04:10:04 PM IST

कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। इसी कहावत को बिहार की एक महिला चिकित्सक ने फिर से चरितार्थ कर दिया जब पीपीई किट उपलब्ध नहीं होने पर उन्होंने 'जुगाड़ तकनीक' से पीपीई किट बना लिया।


बिहार की एक महिला चिकित्सक डॉ़ गीता रानी ने 'जुगाड़ तकनीक' से पीपीई किट बना लिया

महिला चिकित्सक इस किट के जरिए खुद को संक्रमित होने से बचा रही है। जानकारी मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने भी इसकी तारीफ की है।

भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर गीता रानी ने जुगाड़ तकनीक से पीपीई किट बनाया है। डॉ़ रानी ने आईएएनएस से कहा कि कोरोना को हराने के लिए खुद को संक्रमित होने से बचाना जरूरी है।

वे कहती हैं, "कोरोना वायरस के फैलने की खबर आने बाद सभी को खतरा सामान्य रूप से था। जब इस अस्पताल में भी कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की पुष्टि हुई, तो मैं भी डर गई। यहां पीपीई किट भी उपलब्ध नहीं था।"

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्त्रीरोग एवं प्रसव विभाग की विषेषज्ञ डॉ़ रानी कहती हैं, "इस स्थिति में हम दोनों पति-पत्नी को ड्यूटी करनी थी। हम दोनों ने विचार कर कार के कवर से पीपीई किट बनवाने का निर्णय लिया और टेलर को बुलाकर पीपीई किट बनवा लिया।"

उन्होंने दावा करते हुए कहा, "यह पीपीई किट की तरह नहीं है, लेकिन वाटर प्रूफ और एयर प्रूफ जरूर है। कोरोना बड़ी समस्या जरूर है, लेकिन समाधान सबों को मिलकर करना है।"

आज यह डॉक्टर दंपति यही पीपीई किट पहनकर और छाता लगाकर अपनी ड्यूटी करता है।

छाता के संबंध में पूछे जाने पर डॉ़ गीता रानी कहती हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एक मात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है और छाता इसके लिए सबसे सही उपाय है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस किट को पहनकर उसने कई ऑपरेशन कर लिए हैं।

उन्होंने कहा, "यह किट पूरी तरह से कोरोना वायरस से सुरक्षित है, इसे बार-बार धोने के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है।"

डॉ़ रानी ने अपने इस प्रयोग को बिहार के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन को भी मेल द्वारा भेजा। इस 'प्रैक्टिकल एप्रोच' की तारीफ डॉ़ हर्षवर्धन ने भी मेल के जवाब में किया है। उन्होंने इस 'प्रैक्टिकल अप्रोच' के लिए महिला डॉक्टर को बधाई भी दी है।

डॉ़ रानी का कहना है कि लोग अपने घर से एक-एक छाता लेकर बाहर निकलेंगे तो तीन फीट दूर रहकर कोरोना वायरस की बीमारी से बचा जा सकता है। डॉ़ रानी लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपायों को लेकर भी सोशल मीडिया के जरिए काफी सक्रिय हैं।

बहरहाल, अब अस्पताल में पीपीई किट उपलब्ध है, लेकिन जुगाड़ तकनीक से बनाए गए इस पीपीई किट की भी लोग अब तारीफ कर रहे हैं।
 

आईएएनएस
दरभंगा


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