खाली बोतलों से बनाया एयरकंडीशनर रूम
आपने मिट्टी,पत्थर और ईंटों से बने घर तो देखें होंगे, पर प्लास्टिक की बेकार बोतलों से कोई कमरा बना दे तो आप क्या कहेंगे. आप यकीन नही करेंगे.
खाली बोतलों से बनाया एयरकंडीशनर रूम (फाइल फोटो) |
श्रीगंगानगर के दो सामान्य से कारीगरों के साथ मिलकर यहां के दो छात्रों ने यह कर दिखाया है. श्रीगंगानगर के गांव 41 आरबी के किशोर जयदित्य सिंह ने अपने रानीबाजार दिल्ली निवासी दोस्त वरुण सहगल के साथ मिलकर ऐसे कमरे का निर्माण कर दिया.
यह अनूठा प्रयोग करने के लिए कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों में पानी, सीमेंट और मिट्टी का उपयोग किया है. इसमें निर्माण मिस्त्री का सहयोग लिया है. दोनों किशोर देहरादून में दून स्कूल कक्षा 12 के छात्र हैं.
अगर आप प्लास्टिक की बोतल को इस्तेमाल करके कचरे में फेंक रहे है तो जरा रुकिए. क्योकिं ये बोतल आपका आशियाना बना सकती है. जी हाँ राजस्थान के श्रीगंगानगर के एक छोटे गांव में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले दो युवको ने मकान बनाने वाले कारीगरों के साथ मिलकर जो कारनामा किया है उससे न केवल प्लास्टिक की खाली बॉटल्स का उपयोग बढ़ेगा बल्कि कीमत भी बढ़ेगी.
ना ईंटो का झंझट न लेवल की मशक्कत और न ही भूकम्प का खतरा. ईंटों से बने कमरे की तुलना में प्लास्टिक बोतलों से बना यह कमरा आग से सुरक्षित है क्योंकि, बोतलों में पानी और मिट्टी भरी हुई है. 10x12 फीट के कमरे में करीब 4 हजार बोतलों का उपयोग किया है.
भारतीय रोज 30 लाख बोतल ऐसे ही फेंक देते हैं. जिसे ऐसे कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है. हर रोज 80 प्रतिशत खाली बोतलें फेंक दी जाती हैं. बोतलों के अंदर मिट्टी भरी गई है, जिससे गर्मी के दिनों में यह कमरे को ठंडा रखेगी.
जिले के 41 आरबी गांव के किशोर जयदित्य सिंह ने देहरादून में दून स्कूल कक्षा 12 में पढ़ाई में स्कूल प्रोजेक्ट के दौरान उन्हें कम लागत और समय में वेस्ट से आमजन के लिए उपयोगी वस्तु के निर्माण करने को कहा गया. इस पर जयदित्य ने अपने दोस्त वरुण सहगल से मिलकर प्लास्टिक बोतलों के उपयोग से घर बनाया.
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