आर्टिफिशियल लिम्ब के इंतज़ार में साहिल

Last Updated 23 Feb 2016 05:37:44 PM IST

पुणे में बारवी कक्षा का छात्र साहिल शेख अपने पैरों से बोर्ड परीक्षा लिखने की तैयारी कर रहा है. साहिल जब छठी कक्षा में था तब उसके दोनों हाथ एक हादसे में कट गए थे


फाइल फोटो

खेलकूद में दिलचस्पी रखने वाले साहिल के साथ ये हादसा शिवजयंती उत्सव के दौरान हुआ. हादसे के बाद उसका एक साल अस्पताल के चक्कर काटने में गुज़र गया.

लेकिन साहिल ने हार नहीं मानी और तय किया कि भले ही उसके हाथ नहीं है लेकिन वो मुश्किलों को मात देकर आगे बढ़ेगा.किसी ने उसे बताया की वो पैर से लिखने की कोशिश कर सकता है और साहिल की आखों में चमक आ गई. उसने पैरों से लिखने की कोशिश की और अपनी हिम्मत और मेहनत के बलबूते वो आगे बढ़ा.

उसके हौसले तब और बुलंद हो गए जब उसे 10वीं की परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक हासिल हुए.

बुलंद हौसलों के साथ साहिल ने कंप्यूटर भी पैर से चलाना सिख लिया और कई कोर्सेस भी कर डाले. वो सारे काम दोनों पैरों से आसानी से कर लेता है.

हर मुश्किल का हल खुद निकलता है. साहिल का सपना है कि वो 12वीं के बाद सीए बने.

साहिल की हर मुश्किल में उसका परिवार भी उसके साथ है. खासकर उसके दादाजी जो उसे कॉलेज ले जाने से लेकर क्लास में पहुंचाने और उसकी हर तरह की मुश्किल दूर करने की कोशिश करते हैं. उनकी कोशिश है कि साहिल को आर्टिफिशियल लिम्ब लगवाया जा सके.

लेकिन इसमें लगभग 16 लाख का खर्च होगा जो करना इस परिवार के लिए मुमकिन नहीं है.
 



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