महाराष्ट्र के मेलघाट में दुर्लभ प्रजाति की ‘मखमली मकड़ी’ मिला
महाराष्ट्र के अमरावती जिले में मेलघाट के जंगलों में विलुप्त मानी जाने वाली मकड़ी की दुर्लभ प्रजाति ‘मखमली मकड़ी’ का पता चला है.
फाइल फोटो |
अमरावती विविद्यालय के प्रोफेसर गणोश एन वानखेड़े ने बताया, ‘भारतीय उपमहाद्वीप से विलुप्त हो गई मानी जाने वाली मखमली मकड़ी करीब 80 वर्षों के बाद दिखाई दी है.’
उन्होंने बताया कि आथरेपोड प्रजाति की यह मकड़ी अपने ऊनी काले या काले लाल रंग के लिए जानी जाती है.
उन्होंने बताया, ‘यह मकड़ी उन कीड़ों, मक्खियों और मच्छरों को खाती है जो कि मलेरिया और अन्य रोगों के वाहक है, इसलिए इसे मानव का मित्र बताया जाता है.’
वानखेड़े ने बताया कि अमरावती में पिछले महीने 16 से 19 नवंबर के बीच एशियन सोसायटी ऑफ आर्कनोलॉजी के तीसरे सम्मेलन के दौरान इसके बारे में पता चला.
उन्होंने बताया, ‘मिस्र (काहिरा) के डॉक्टर अल हन्नावी ने मेलघाट में मुठावा केन्द्र के घास के मैदानों में भ्रमण के दौरान इसकी खोज की थी. यह मकड़ी पहली बार भारतीय उपमहाद्वीप में 1935 में खानदेश (उत्तरी महाराष्ट्र) में देखी गयी थी.’
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