गन्ने की खोई से बनेगी बिजली
भारतीय गन्ना एवं चीनी तकनीकी संघ के अध्यक्ष डा. राममूर्ति सिंह ने कहा कि अब केवल चीनी बेंचकर गन्ने का भुगतान किया जाना सम्भव नहीं है.
गन्ने की खोई से बिजली |
राममूर्ति ने कहा चीनी मिल की खोई से बिजली उत्पादन संयंत्र लगाकर बिजली का उत्पादन करके सरकार को बेंचेगी जो इसे राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड को बेंचेंगी. सिंह गोल्डेन टय़ूलिंप होटल में कोजेन इण्डिया पूर्ण एवं उत्तर भारतीय गन्ना एवं चीनी तकनीकी संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गन्ने की खोई से विद्युत उत्पादन पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
सेमिनार में उप्र विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन देशदीपक वर्मा भी मौजूद थे. संघ के अध्यक्ष राममूर्ति सिंह ने कहा कि प्रत्येक चीनी मिल में पेराई किये जाने वाले गन्ने की मात्रा से मात्र दस प्रतिशत खोई की बचत होती है जिसे ईधन के रूप में प्रयोग कर बिजली उत्पादन की जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 122 चीनी मिलों में से 58 मिले गन्ने की खोई से बिजली उत्पादन कर रही है और इसे बेंचकर गन्ने के मूल्य का भी भुगतान कर रहीं है.
उन्होंने कहा कि चीनी मिले गांवों में स्थापित है इसलिए खोई से बिजली बनाने से किसानों के लिए यह चीनी मिलें वरदान साबित होगी क्योकि छोटे उद्योग धन्धे गांवों में ही लगेंगे और यहीं प्रगति के केन्द्र बनेगी. सेमिनार में उप्र चीनी संघ के प्रबंध निदेशक डा. वीके यादव ने कहा कि प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में स्थापित 24 चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए विविधीकरण की समस्त सम्भावनाओं यथा इथनाल उत्पादन सहित गन्ने की खोई से विद्युत उत्पादन पर विचार किया जाएगा.
उप्र विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन देशदीपक वर्मा ने प्रदेश में गन्ने मूल्य के बढ़ते बकाया भुगतान को सुधारने की सम्भावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर कोजेन इण्डिया के चैयनमैन एससी नाटू ने कहा कि देश में लगभग 7000 मेगावाट विद्युत उत्पादन तथा प्रदेश में लगभग 3000 मेगावाट विद्युत उत्पादन की सम्भावना है इसके लिए प्रदेश में लगभग 4500 करोड़ रुपये निवेश की आवश्यकता होगी.
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