यहां नदियों से निकल रहा सोना

Last Updated 23 Jul 2015 03:34:38 PM IST

झारखंड में न सिर्फ धरती में सोने का भंडार है बल्कि यहां की कुछ नदियां भी सालों से सोना उगल रही हैं.


यहां नदियों से उगल रहा सोना

हालांकि ये किसी को नहीं पता कि नदियों की रेत में सोना कहां से आता है, लेकिन सुवर्णरेखा और इसकी सहायक करकरी जैसी नदियों की रेत मे सोने के बेहद महीन कणों के मिलने का सिलसिला सालों से जारी है.

इन नदियों के किनारे बसे गांवों के लोगों के लिए ये कण रोजगार का साधन बने हुए हैं, रेत से सोना निकालने की प्रक्रिया काफ़ी जटिल होने के बावजूद ग्रामीण इस काम में लगे हुए हैं, किसी-किसी परिवार के लोग तो पीढ़ी दर पीढ़ी इसी काम में लगे हैं.
 
झारखंड के तमाड़ इलाके के पुरनानगर, नोढ़ी, तुलसीडीह, कडरुडीह आदि गांव के लोग नज़दीक बहने वाली करकरी नदी की रेत से सोना निकालते हैं, यह काम पूरे साल चलता है, बरसात के दिनों में नदी में ज्यादा पानी आ जाने से कुछ दिनों के लिए सोना निकालने का काम रुक जाता है.
 
3-4 घंटे तलाशने के बाद ग्रामीणों को सोने के चार-पांच कण मिल जाते हैं, सोने के ये कण चावल के दाने के बराबर होते हैं, स्थानीय सुनार 80-100 रुपये प्रति कण के हिसाब से इन्हें खरीद लेते हैं और फिर इसे रांची के बाजार में प्रति कण 250-300 के हिसाब से बेच देते हैं, इस तरह सोना चुनने वाला एक शख्स महीने में औसतन 4000 रुपये तक कमा लेता है.
 
जाने-माने भूवैज्ञानिक नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि स्वर्णरेखा और करकरी जैसी नदियां अपने उदगम स्थल से नीचे आते-आते कई तरह की चट्टानों से टकराती हैं, इसी दौरान इनमें सोने के अति सूक्ष्म कण मिल जाते हैं, इन्हीं कणों को गांव के लोग चुनते हैं, उन्होंने बताया कि न केवल स्वर्णरेखा और करकरी बल्कि कोयल व दामोदर जैसी नदियों से भी कुछ खास इलाकों में सोने के कण निकाले जाते हैं.
 

 



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