जिन्दा है अभी इंसानियत
उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित सरोजनी नायडू मेडिकल कालेज के प्राचार्य और अध्यापकों ने एक अभावग्रस्त मेधावी छात्र की ओर मदद का हाथ बढाकर इंसानियत का जज्बा दिखाया है.
जिन्दा है अभी इंसानियत (फाइल फोटो) |
हुआ यह कि सीपीएमटी की परीक्षा में अच्छे नम्बरों से पास होने वाला एक मजदूर का बेटा मुकेश कुमार फीस की राशि नहीं होने की वजह से दो दिन पहले यहां एस एन मेडिकल कालेज की सीढियों पर बैठा रो रहा था.
एस एन मेडिकल कालेज आगरा के प्राचार्य डा अजय अग्रवाल ने बताया कि सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा में 122 रैंक पाने वाला मुकेश की आंख से आंसू निकल रहे थे. उसने बताया कि उसके मां-बाप मजदूरी करते हैं.
मुकेश ने डा अग्रवाल को बताया कि काफी मुश्किल से इण्टर पास करने के बाद उसने सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा के लिए फार्म भरा था. परीक्षा पास करने के बाद अब उसके पास प्रवेश के लिए फीस नहीं है.डा0 अग्रवाल ने बताया कि उसके पास मात्र एक हजार रुपये थे, जबकि प्रवेश के लिए 27 हजार रुपयों की जरुरत थी.
उन्होंने बताया कि मुकेश को आशवस्त किया गया कि उसका प्रवेश भी होगा और उसकी एमबीबीएस की पढाई भी पूरी होगी. दस हजार रुपये उन्होंने अपने पास से दिये. शेष 17 हजार रुपये मेडिकल कालेज के कर्मचारियों ने दिये.
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद का रहने वाला मुकेश और उसका परिवार अब बेहद खुश है. मजदूर पिता को भरोसा हो चला है कि अब उसका बेटा डाक्टर बन जाएगा.
मेडिकल कालेज के प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों की क्षेत्र में काफी चर्चा है. लोगों को कहते सुना जा रहा है कि इंसानियत अभी जिन्दा है.
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