सब्जी के छिल्कों से होगी घर की सफाई
सब्जियों के छिलकों आदि से बायो-एंजाइम बनाकर घर के फर्श, शौचालय आदि की सफाई में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. पानी को भी साफ किया जा सकता है. इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है.
सब्जी के छिल्कों से होगी घर की सफाई (फाइल फोटो) |
बेंगलुरू की संस्था \'सायल एंड सोल\' इस दिशा में काम कर रही है और लोगों को घर में बायो-एंजाइम तैयार करके तरह-तरह के कार्यों में उनके उपयोग की जानकारी दे रही है. \'सायल एंड सोल\' की कर्ताधर्ता प्रीति राव ने बताया कि सब्जी-फलों के छिलकों से बायो-एंजाइम तैयार किए जा सकते हैं जो जीवित माइक्रोब होते हैं और खाद्य चक्र को टूटने नहीं देते हैं.
प्रीति ने बताया कि हमारे यहां फर्श की साफ-सफाई के लिए, हाथ साफ करने के लिए या पानी को साफ करने के लिए किटाणुओं को समाप्त करने की बात कही जाती है लेकिन सभी किटाणुओं को समाप्त करना सही उपाय नहीं है. इससे खाद्य चक्र टूट जाता है. घर पर तैयार बायो-एंजाइम का इस्तेमाल घर के फर्श, रसोई, चिमनियों आदि की सफाई में किया जा सकता है और ये बायो-एंजाइम किटाणुओं को समाप्त नहीं करते, बल्कि उन्हें खा लेते हैं और इससे खाद्य चक्र टूटता नहीं है.
पर्यावरणविद प्रीति ने बताया कि एक लीटर पानी में फल, सब्जियों के अनुपयोगी 300 ग्राम छिलके और 100 ग्राम गुड़ डालकर बायो-एंजाइम तैयार किए जा सकते हैं. पहली बार इस मिश्रण को 90 दिन तक रखने पर बायो-एंजाइम तैयार होते हैं लेकिन बाद में इसी अवशेष की मदद से एक महीने में ही इस उत्पाद को तैयार किया जा सकता है.
प्रीति तो इस तरह की प्रक्रिया से चेहरे पर लगाने वाली क्रीम, कीटनाशक, तरल साबुन आदि बनाने का भी दावा करती हैं और बेंगलुरू में अपने घर पर इस तरह के प्रयोग पिछले कुछ सालों से कर रहीं हैं. उनकी संस्था इस तरह के उत्पाद बनाती है और लोगों को इन्हें बनाने की प्रक्रिया भी सिखाती है. धीरे धीरे लोग बायो-एंजाइम के उपयोग को अपना रहे हैं.
उन्होंने इससे पर्यावरण संरक्षण होने की भी दलील देते हुए कहा कि जब आप लोगों को सीधे इस तरह के उत्पाद बनाना सिखा देते हैं तो ऐसे उत्पादों को बनाने में, इन्हें रखने वाले कंटेनर बनाने में और इनकी आवाजाही में खर्च होने वाली ऊर्जा या ईधन बचने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है. वह दावा करती हैं कि बायो-एंजाइम से सीवेज के पानी को भी शुद्ध किया जा सकता है.
बनाने का तरीका : एक लीटर पानी में फल- सब्जियों के अनुपयोगी 300 ग्राम छिलके और 100 ग्राम गुड़ डालकर बायो-एंजाइम तैयार किए जा सकते हैं. पहली बार इस मिश्रण को 90 दिन तक रखने पर बायो-एंजाइम तैयार होते हैं लेकिन बाद में इसी अवशेष की मदद से एक महीने में ही इस उत्पाद को तैयार किया जा सकता है.
कैसे फायदेमंद : घर पर तैयार बायो-एंजाइम का इस्तेमाल घर के फर्श, रसोई, चिमनियों आदि की सफाई में किया जा सकता है और ये बायो-एंजाइम किटाणुओं को समाप्त नहीं करते, बल्कि उन्हें खा लेते हैं और इससे खाद्य चक्र टूटता नहीं है. अभी फर्श की साफ-सफाई, हाथ साफ करने के लिए सभी किटाणुओं को समाप्त करने की बात कही जाती है और इससे खाद्य चक्र टूट जाता है.
Tweet |