पंजाब में गांववालों ने बनाया अपना मॉल

Last Updated 27 May 2015 04:50:02 PM IST

जालंधर के सीचेवाल गांव के लोगों ने अपना खुद का मॉल खोला है यहां एक ही छत के नीचे उनकी जरूरत का हर सामान उपलब्ध है.


मॉल (फाइल)

देश भर में बढ़ती महंगाई और गुणवत्ता के मानकों से कमतर मानकों के सामान की आपूर्ति के बीच जालंधर जिले के सीचेवाल गांव के लोगों ने अपना खुद का मॉल खोला है जहां एक ही छत के नीचे उनकी जरूरत का हर सामान बाजार मूल्य अथवा अधिकतम खुदरा मूल्य से बेहद कम कीमत पर उपलब्ध है.

जालंधर जिले के सींचेवाल गांव के तकरीबन दस लोगों ने मिल एक सोसाइटी बनायी और बड़े पैमाने पर सफाई अभियान तथा पानी की सफाई का अभियान चलाने वाले स्थानीय समाज सेवक बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल के सहयोग से इस मॉल की शुरूआत की है.

गांव में मॉल चलाने के लिए बनायी गयी ‘ओंकार समाज भलाई सोसायटी’ के संरक्षक सीचेवाल ने बताया कि दिनों दिन बढ़ रही महंगाई और बाजार में उपलब्ध, स्वास्थ खराब करने वाले सामान के मद्देनजर गांव के दस लोगों ने मिल कर एक सोसायटी बनाई और गांव का अपना माल खोलने का विचार रखा. इसके लिए गांव में ही डेरे की जमीन पर इमारत बनवा दी गयी और उसमें इसकी शुरुआत कर दी गयी है.

जालंधर जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर गांव में बनी इस सोसाइटी के सचिव कुलविंदर सिंह बताते हैं कि हर सामान पर हमने अपना मार्जिन कम कर दिया है.

हम जिन मूल्यों पर सामान लेकर आते हैं उनका केवल पांच से दस फीसदी मुनाफा ले रहे हैं क्योंकि इसी मुनाफे से माल के खर्चे निकालने हैं. इसका परिणाम यह होता है कि यहां हर सामान अंकित मूल्य से काफी कम दाम में लोगों को उपलब्ध हो रहा है.

सिंह ने बताया कि ‘‘मॉल का नाम ‘नानक हट’ रखा गया है जहां न केवल आस पास के गांव से बल्कि जालंधर और कपूरथला जैसे शहर से भी लोग यहां पहुंच रहे हैं. हमारा काम केवल सेवा करने का है और हम लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं.

सोसाइटी के सचिव ने दावा किया, ‘‘हम सामान की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते . हमने अपने लिए इसकी शुरूआत की है और इससे लोगों को फायदा भी पहुंच रहा है . लोगों को विभिन्न सामानों पर 20 से 30 फीसदी तक की छूट भी मिल रही है .’’

 कौन कौन सा सामान मॉल में है, ‘‘दैनिक जरूरत की हर चीज उपलब्ध है . इसके अलावा इलेक्ट्रानिक सामान, खाने पीने की चीजें, सब्जियां, कपड़े और हर वह चीज जिसकी जरूरत लोगों को होती है, वह यहां मौजूद है . कुल मिला कर अच्छा और बेहतर गुणवत्ता का सामान लोगों को उपलब्ध हो रहा है .’’

इससे पहले सोसाइटी से जुड़े पी एस नौली ने बताया कि बिजली बिल, कैरेज चार्ज, तथा कर्मचारियों को वेतन देने के लिए ही 5 से 10 फीसद मुनाफा लिया जाता है . इन खचरें को काट कर जो भी पैसे बचते हैं, सोसाइटी उसे स्थानीय कॉलेज में दे देती है जिसे बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाता है .

दूसरी ओर बाबा सीचेवाल ने बताया कि हम इस योजना को जालंधर जिले के अन्य गांवों में भी लागू करने पर विचार कर रहे हैं और लोगों के साथ बैठकों का दौर जारी है .



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