सबसे निराली शाहजहांपुर की होली
शहीदों की नगरी के नाम से महशूर शाहजहांपुर की होली अपने निरालेपन के लिए दूर दूर तक जानी जाती है.
सबसे निराली शाहजहांपुर की होली (फाइल फोटो) |
शायद ऐसी परम्परा देश में कहीं नहीं है. यहां होली वाले दिन भैंसागाडी पर लाटसाब का जुलूस निकलता है.
शायद ऐसी परम्परा देश में कहीं नहीं है. इस जुलूस के समाप्त होते ही यहां रंग खेलना बंद करदिया जाता है.
लाटसाब का जुलूस पुलिस और प्रशासन के लिए सिरदर्द से कम नहीं होता है. भैंसागाडी पर लाटसाब की सवारी निकलती है और उसके साथ होती है हजारों हुडदंगियों की भीड.
रंग से पुते लोग जुलूस की शक्ल में चलते हैं. इस जुलूस में जो फंस जाता है वह रंग से सराबोर हो जाता है. जुलूस कोतवाली से निकलता है. लाटसाब को एक भैंसागाडी पर बैठाया जाता है. लाटसाब बना व्यक्ति नशे में पूरी तरह टुन्न होता है.
हेलमेट पहने लाटसाब के सिर पर झाडू और चप्पलें मारी जाती हैं. जुलूस सबसे पहले शहर कोतवाली पहुंचता है जहां से सलामी के बाद जुलूस शहर के जेल रोड से थाना सदर बाजार और टाउन हाल मन्दिर जाता है.
इस जुलूस के साथ इतनी भीड होती है कि पुलिस प्रशासन को एक महीना पहले से ही जुलूस के शान्तिपूर्ण ढंग से समापन के लिए कसरत करनी पडती है.
रास्ते में पडने वाले धार्मिक स्थलों को ढंक दिया जाता है जिससे उन पर रंग न पड सके. जुलूस के आगे पीछे बडी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी तैनात रहती है. इसके अलावा भी शहर में छोटे छोटे जुलूस निकलते हैं.
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