8 साल से बिना छुट्टी लिए, कर चुके हैं 6,000 पोस्टमॉर्टम
Last Updated 12 Nov 2014 08:50:23 PM IST
सरकारी अस्पताल का एक सर्जन पिछले 8 साल से बगैर किसी छुट्टी के करीब 6,000 पोस्टमॉर्टम कर चुका है.
बिना छुट्टी लिए कर चुके हैं 6,000 पोस्टमॉर्टम |
इंदौर के गोविंदवल्लभ पंत जिला अस्पताल के शव परीक्षण विभाग के इंचार्ज डॉ. भरत वाजपेयी ने बताया, \'यह विभाग 6 नवंबर 2006 को शुरू किया गया था, तब से अब तक मैं बिना किसी छुट्टी के करीब 6,000 पोस्टमॉर्टम कर चुका हूं.\'
वाजपेयी ने कहा, \'मेडिकोलीगल मामलों की जांच में पोस्टमॉर्टम एक महत्वपूर्ण कड़ी है, यह ऐसा काम है, जिसे टाला नहीं जा सकता, हालांकि, यह काम पिछले आठ साल से मेरे लिए जुनून बना हुआ है.\'
उन्होंने बताया कि छुट्टी से परहेज करते हुए लगातार पोस्टमॉर्टम करने वाली उनकी टीम का कीर्तिमान वर्ष 2011 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के पन्नों पर भी दर्ज हो चुका है.
वाजपेयी ने बताया कि जिला अस्पताल का शव परीक्षण गृह मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की शायद सबसे छोटी फॉरेंसिक मेडिसिन इकाई है, जिसे अक्टूबर 2011 में सूबे की पहली कम्प्यूटरीकृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देने का गौरव भी हासिल है.
इस इकाई से उनके दो सहयोगी संतोष बनकर और गोपाल शिन्दे भी लम्बे वक्त से जुडे रहे हैं.
53 वर्षीय सरकारी सर्जन बताते हैं कि पिछले 8 सालों के दौरान ऐसे कई मौके आए, जब उनकी अगुवाई वाली तीन सदस्यीय टीम ने कलेक्टर की इजाजत पर रात को भी पोस्टमॉर्टम किया.
वह चाहते हैं कि देश में मौत के बाद अंगदान को बढ़ावा देने के लिए नियम-कायदों को व्यावहारिक और सरल बनाया जाए, इसके साथ ही, वर्ष में किसी एक दिन को \'फॉरेन्सिक डे\' घोषित किया जाए.
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