ऐसा रेस्तरां जहां बिन रोशनी के होगा जिंदगी का एहसास
अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में भारत के पहले ‘सीइंग इन डार्क’ रेस्तरां-थियेटर में आने वाले लोग दृष्टिबाधित लोगों की तरह बिना प्रकाश के जीवन का अनुभव कर सकेंगे.
रेस्तरां |
यहां चारों ओर अंधेरा फैला हुआ है.
ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन द्वारा पिछले दिनों स्थापित इस स्थान पर दीवारें, फर्श, पर्दे, मेज और कुर्सियां, एसी और पंखे सभी काले रंग से रंगे हैं और यहां आने वाले लोगों के लिए रोशनी की कोई गुंजाइश नहीं है.
इस रेस्तरां में आपको खुद अंधेरे में टटोलते हुए अपनी मेज तक आना होगा, अपना खाना ऑर्डर करना होगा और बिना रोशनी के खाना होगा. आपको यहां अपनी प्लेट बमुश्किल ही दिखाई देगी, उसमें रखे लजीज व्यंजनों की तो अलग बात है.
यहां आप 50 लोगों के बैठने की क्षमता वाले स्याह काले थियेटर में फिल्म का आनंद भी ले सकते हैं.
बीपीए की निदेशक नंदनी रावल ने कहा, ‘यह विचार कोई नया नहीं है. पश्चिमी देशों में ऐसे रेस्तरां हैं. हमने वहां से यह विचार लिया लेकिन भारत में इस किस्म का यह पहला रेस्तरां हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य दोहरा है. जिस समाज में हम देख रहे हैं कि दूसरों के प्रति संवेदनाएं कम हो रहीं हैं, ऐसे में हम चाहते हैं कि लोगों को इस चीज का अनुभव हो कि बिना नजरों के जिंदगी कैसी होती है. इससे लोगों में उनके प्रति समझ बढ़ सकती है जिनकी आंखों में रोशनी नहीं होती.’
नंदनी ने कहा, ‘दूसरा मकसद है कि हमारे जैसे लोग, जिन्हें सारे सक्रिय अंग उपहार में मिले हैं, हम उन लोगों को हल्के में लेते हैं.
‘सीइंग इन डार्क’ यानी अंधेरे में देखने के एहसास के साथ हम उन लोगों की प्रशंसा करेंगे और भगवान का शुक्रिया अदा करेंगे कि हमारे सभी अंग अच्छी हालत में हैं.’
उन्होंने कहा कि इस रेस्तरां में आने वाले लोगों को प्रशिक्षित दृष्टिहीन लोग सेवाएं देते हैं.
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