सात करोड़ में भी नहीं बेचा भैंसे को
दुनिया में सबसे बेहतरीन मुर्रा नस्ल का भैंसा रखने का दावा करने वाले हरियाणा के किसान कर्मवीर सिंह ने अपने ‘युवराज’ को सात करोड़ रुपये में भी बेचने से इनकार कर दिया है.
हरियाणा के किसान कर्मवीर सिंह ने सात करोड़ में भी नहीं बेचा भैंसे को. |
अखिल भारतीय मवेशी प्रदर्शनी में आये कर्मवीर सिंह ने बताया कि इस भैंसे से वह प्रति वर्ष 50 लाख रुपये तक कमा लेता है. उसने बताया कि चंडीगढ़ के निकट के एक किसान ने उसके युवराज को खरीदने के लिए सात करोड़ रुपये तक का लालच दिया था लेकिन उसने उसे बेचने से इनकार कर दिया था.
उसने कहा कि युवराज उसके बेटे के समान है, उसे बेच कैसे सकता है. कुरुक्षेत्र के युवराज की लम्बाई 14 फुट तथा ऊं चाई पांच फुट नौ इंच है. कर्मवीर सिंह इसके रखरखाव पर प्रति माह लगभग 25 हजार रुपये खर्च करता है.
इसे प्रतिदिन 20 लीटर दूध पिलाया जाता है तथा पांच किलो सेब भी रोज खाता है. इसके अलावा इसे अच्छी गुणवत्ता का 15 किलोग्राम आहार भी दिया जाता है. प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के पशु का पुरस्कार के लिये चयन करने आय सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक रवीन्द्र सांगवान ने 1400 किलोग्राम भार वाले युवराज को बेहतरीन नस्ल का मुर्रा भैंसा बताया.
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि युवराज प्रतिदिन 3.5 से 5 मिली ग्राम वीर्य देने में सक्षम है. इस उच्च गुणवत्ता के वीर्य से 35 मिलीग्राम तक वीर्य तैयार किया जा सकता है. मुर्रा नस्ल की एक भैंस की गर्भाधान के लिये 0.25 किलीग्राम वीर्य की ही जरूरत होती है.
इस प्रकार एक भैंस के कृत्रिम गर्भादान पर 1500 रुपये का खर्च आता है. कर्मवीर सिंह के अनुसार युवराज की मां प्रतिदिन 25 लीटर दूध देती थी. सर्वश्रेष्ठ पशुओं के चुनाव के लिये शारीरिक शौष्ठव, वीर्य गुणवत्ता, आनुवांशिक इतिहास समेत कुल 30 मानक निर्धारित किये गये थे. मालिक युवराज के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखता है और नियमित रूप से चिकित्सक उस पर नजर रखते हैं.
सभी कर्मचारियों को बोनस व डीए मुहैया कराने को कहा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को और ज्यादा मेहनत व ईमानदारी से काम करने की बात कही है. हरीश रावत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं पर गंभीरता के साथ विचार करेगी.
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 45 से 50 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. इतना ही नहीं सराकर कर्मचारियों के हित में कुछ और आवश्यक कदम जल्द उठाएगी.
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