ऐसा मंदिर जहां मरने और मारने के लिए आते है श्रद्धालु

Last Updated 07 Oct 2014 12:08:56 PM IST

आंध्र प्रदेश में यह कैसा मंदिर है जहां श्रद्धालु पूरी तरह से तैयार होकर मरने और मारने के लिए आते हैं.


मरने और मारने वाला मंदिर (फाइल फोटो)

हैदराबाद से मिली जानकारी के अनुसार हर साल दशहरे की रात आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के देवरागट्टू मंदिर में हजारों लोग लाठियों लेकर आते हैं और एक दूसरे के सिर पर मारते हैं.

इस त्योंहार को बन्नी फेस्टिवल कहा जाता है.

दशहरे की आधी रात को जब पहाड़ी पर स्थित मंदिर से मलम्मा (पार्वती) और मल्लेश्वर स्वामी (शिव) की मूर्तियां नीचे लाई जाती है, तब ये परंपरा शुरू होती है. इसमें अधिकतर किसान शामिल होेते हैं और खून से कपड़े लाल होने के बाद वे यहां से नहीं जाते.

इस दौरान मेडिकल टीम और डॉक्टर इलाज के लिए मौजूद रहते हैं. इस दौरान कई लोगों के सिर पर फट जातेे हैं लेकिन इलाज के बजाय लोग केवल हल्दी लगाकर चले जाते हैं.

वहीं मंदिर प्रशासन इसमें किसी तरह की हिंसा से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि ये डाडियां की तरह ही है, बस हम लाठी काम में लेेते हैं. श्रद्धालु उस समय मग्न होते हैं इसलिए कुछ को चोट लग जाती है.

ये परंपरा सदियों पुरानी है और विजयनगरम राज्य के समय से पहले से ऎसा हो रहा है. इस साल लगभग 56 श्रद्धालु घायल हुए जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 34 था.



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